Share Market Outlook: छुट्टियों वाले सप्ताह में सीमित दायरे में रह सकता है बाजार, इन फैक्टर्स पर रहेगी नजर

इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, डॉलर की चाल और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर रहेगी। क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के कारण यह सप्ताह छोटा रहेगा, जिससे बाजार के सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 22 December 2025, 10:13 AM IST

New Delhi: इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार की चाल कई अहम घरेलू और वैश्विक संकेतकों पर निर्भर रहने वाली है। विश्लेषकों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों (FII) की गतिविधियां, डॉलर की मजबूती या कमजोरी, कच्चे तेल की कीमतें और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा तय करेंगे। हालांकि क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के कारण यह सप्ताह छोटा रहेगा, ऐसे में बाजार के सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना जताई जा रही है।

छुट्टियों का असर, ट्रेडिंग रह सकती है सुस्त

घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को क्रिसमस के अवसर पर बंद रहेंगे। इस वजह से पूरे हफ्ते में ट्रेडिंग सेशन कम रहेंगे। बाजार जानकारों का मानना है कि छुट्टियों के चलते न सिर्फ भारत बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी वॉल्यूम कम देखने को मिल सकता है, जिसका सीधा असर भारतीय इक्विटी मार्केट पर पड़ेगा।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा के अनुसार, साल के अंत के त्योहारी दौर में निवेशक आमतौर पर सतर्क रुख अपनाते हैं। ऐसे में इस हफ्ते बड़े ट्रेंड की बजाय सीमित उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

घरेलू आंकड़ों पर रहेगी नजर

घरेलू मोर्चे पर निवेशकों की नजर अवसंरचना क्षेत्र से जुड़े आंकड़ों, बैंक क्रेडिट ग्रोथ, डिपॉजिट ग्रोथ और देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर रहेगी। इसके अलावा रुपये की चाल और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें भी सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकती हैं। अगर कच्चा तेल महंगा होता है या रुपया दबाव में आता है, तो इसका असर बाजार पर दिख सकता है।

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वैश्विक संकेत और डॉलर की चाल अहम

वैश्विक स्तर पर खासतौर पर अमेरिकी बाजारों के प्रदर्शन पर निवेशकों की पैनी नजर रहेगी। हाल ही में अमेरिका में अपेक्षा से कम महंगाई के आंकड़े सामने आए हैं, जिससे बाजार की धारणा में कुछ सकारात्मकता आई है। एनरिच मनी के सीईओ पोनमुदी आर का कहना है कि मजबूत घरेलू नकदी बाजार को गहरे नकारात्मक जोखिमों से बचा रही है। अगर विदेशी निवेशकों की वापसी होती है, तो बाजार में तेजी का नया दौर शुरू हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो अमेरिकी महंगाई में नरमी का माहौल भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए अनुकूल साबित होता है।

पिछले सत्र में दिखी थी मजबूती

पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार, 19 दिसंबर को भारतीय शेयर बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ था। BSE का सेंसेक्स 447.55 अंकों की मजबूती के साथ 84,929.36 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि NSE का निफ्टी 150.85 अंकों की तेजी के साथ 25,966.40 पर बंद हुआ था। दो दिन की गिरावट के बाद बाजार में आई यह तेजी निवेशकों के भरोसे को कुछ हद तक मजबूत करती है।

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निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?

विश्लेषकों की सलाह है कि इस छोटे और सुस्त सप्ताह में निवेशक बड़े जोखिम लेने से बचें। मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों पर फोकस रखें और किसी भी बड़े वैश्विक संकेत या एफआईआई फ्लो में बदलाव पर नजर बनाए रखें। नए साल से पहले बाजार में सीमित दायरे का कारोबार निवेशकों को रणनीति बनाने का मौका दे सकता है।

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Published : 
  • 22 December 2025, 10:13 AM IST