

1 अक्टूबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स 94 अंक गिरकर 80,173.24 पर खुला, जबकि निफ्टी 9 अंक बढ़कर 24,620.55 पर खुला। आरबीआई के ब्याज दर निर्णय से पहले निवेशक खरीदारी में सक्रिय रहे।
सेंसेक्स में 94 अंक की गिरावट
New Delhi: भारतीय शेयर बाजार में बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को मिली-जुली शुरुआत देखने को मिली। सेंसेक्स 94 अंक की गिरावट के साथ 80,173.24 अंक के स्तर पर खुला, जबकि निफ्टी 9 अंक की हल्की तेजी के साथ 24,620.55 अंक के आसपास खुला। शुरुआती कारोबार में बाजार में हल्की उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में शुरुआती सक्रियता भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर निर्णय से पहले निवेशकों की सतर्कता और निचले स्तर पर मूल्य आधारित खरीदारी की वजह से रही। निवेशक इस समय कम मूल्य पर खरीदारी कर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से सन फार्मा, ट्रेंट, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर लाभ में रहे। वहीं बजाज फाइनेंस, इटरनल, बजाज फिनसर्व और भारती एयरटेल के शेयर गिरावट में रहे। यह मिश्रित प्रदर्शन बाजार में निवेशकों की सतर्कता और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के असर को दर्शाता है।
Share Market: गिरावट के संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार पर नजर, कई बड़े शेयर आज रहेंगे फोकस में
एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स फायदे में रहा, जबकि जापान का निक्की 225 नुकसान में बंद हुआ। अमेरिकी शेयर बाजार मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार की धाराओं को प्रभावित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड में 1.40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और इसका भाव 67.02 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) मंगलवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,327.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 5,761.63 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह आंकड़ा दर्शाता है कि घरेलू निवेशक बाजार में अधिक सक्रिय हैं और विदेशी निवेशकों की बिकवाली को संतुलित कर रहे हैं।
Share Market: अक्टूबर में 3 दिन रहेगा शेयर बाजार बंद, जानें कब दीवाली पर कब होगा मुहूर्त ट्रेडिंग?
विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी आरबीआई ब्याज दर की घोषणा और वैश्विक बाजार की दिशा के आधार पर निवेशकों को बाजार में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा वैश्विक तेल कीमतों और अमेरिकी आर्थिक संकेतकों का भी बाजार पर सीधा असर पड़ रहा है।