

आयकर विभाग ने कहा है कि 6 करोड़ से अधिक ITR फाइल किए जा चुके हैं और अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए टैक्सपेयर्स जल्द फाइल करें। डेडलाइन बढ़ाने की मांग के बीच विभाग ने कोई नई घोषणा नहीं की है। 15 सितंबर तक फाइलिंग पूरी करना जरूरी।
ITR फाइलिंग पर आयकर विभाग का जवाब
New Delhi: आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख (डेडलाइन) को लेकर करदाताओं के बीच असमंजस बना हुआ है। कई पेशेवर संगठनों और टैक्सपेयर्स ने सरकार से डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग की है, लेकिन अब आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इस पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
आयकर विभाग ने शनिवार को कहा कि अब तक 6 करोड़ से अधिक करदाता ITR फाइल कर चुके हैं, और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। डिपार्टमेंट ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स का धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है।
विभाग ने कहा कि उनका हेल्पडेस्क 24x7 काम कर रहा है ताकि अंतिम समय में फाइलिंग कर रहे लोगों को कोई कठिनाई न हो। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए लोग जल्द से जल्द रिटर्न फाइल कर लें।
कई पेशेवर निकायों जैसे कर्नाटक राज्य चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA), ICAI की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल, और एडवोकेट्स टैक्स बार एसोसिएशन (ATBA) ने CBDT (Central Board of Direct Taxes) को पत्र लिखकर डेडलाइन बढ़ाने की अपील की है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
आयकर पोर्टल की तकनीकी समस्याएं
फॉर्म्स और यूटिलिटी में देरी
कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति
चालू त्योहारी सीजन के कारण ऑफिसों में कम स्टाफ
हालांकि, इन तर्कों के बावजूद आयकर विभाग की ओर से अभी तक डेडलाइन बढ़ाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इससे संकेत मिल रहा है कि सरकार डेडलाइन को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है।
गौरतलब है कि इस वर्ष नॉन-ऑडिट केस वाले टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई थी। यह निर्णय ITR फॉर्म्स के देर से जारी होने और तकनीकी कारणों को देखते हुए लिया गया था।
अब जब नई डेडलाइन (15 सितंबर) में केवल 2 दिन शेष हैं, ऐसे में करदाताओं को समय रहते रिटर्न फाइल करने की सलाह दी जा रही है।
2024 में 31 जुलाई तक 7.6 करोड़ ITR फाइल हो चुके थे, जबकि इस बार 13 सितंबर तक सिर्फ 6 करोड़ रिटर्न ही दाखिल हो पाए हैं। इस अंतर को देखते हुए पेशेवर संगठन डेडलाइन में और राहत चाहते हैं।