

ITR रिफंड में हो रही देरी से करदाता परेशान हैं। आयकर विभाग ने रिफंड ट्रैक करने के दो आसान तरीके बताए हैं- ई-फाइलिंग पोर्टल और NSDL वेबसाइट। जानें पूरा प्रोसेस और रिफंड में देरी की संभावित वजहें।
ITR रिफंड में हो रही देरी से करदाता परेशान
New Delhi: आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद सबसे बड़ा सवाल करदाताओं के मन में यही होता है- रिफंड कब मिलेगा? इस साल, आयकर विभाग ने ITR फॉर्म्स में कुछ बड़े बदलाव किए हैं और रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। बहुत से लोग पहले ही अपना रिटर्न फाइल कर चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक रिफंड नहीं मिला है, जिससे चिंता बढ़ गई है।
आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि रिफंड की स्थिति को जानने के लिए सबसे सही और अद्यतन जानकारी विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अलावा, करदाता NSDL की वेबसाइट के जरिए भी रिफंड की स्थिति जान सकते हैं।
यदि रिफंड प्रोसेस हो चुका है लेकिन अभी तक बैंक खाते में क्रेडिट नहीं हुआ है, तो इसका कारण बैंक खाता सत्यापन में गड़बड़ी हो सकता है। ऐसे मामलों में आयकर पोर्टल पर जाकर ‘Refund Re-Issue Request’ दर्ज किया जा सकता है।
आयकर रिफंड की स्थिति तुरंत करें चेक
वेबसाइट tin.tin.nsdl.com/oltas/refund-status-pan.html पर जाएं।
पैन नंबर, आकलन वर्ष और कैप्चा भरें।
'आगे बढ़ें' पर क्लिक करें और रिफंड की स्थिति स्क्रीन पर देख सकते हैं।
CBDT ने कहा है कि करदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बैंक खाता पूर्व-सत्यापित, PAN से जुड़ा हुआ, और ECS (Electronic Clearing Service) के लिए सक्रिय हो। केवल तभी रिफंड बिना रुकावट के मिलेगा। विभाग की ओर से रिफंड संबंधित अपडेट ईमेल और SMS के माध्यम से भी भेजे जाते हैं। इसलिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर संपर्क विवरण अपडेट रखना बेहद जरूरी है।
आमतौर पर ई-सत्यापन के बाद 4-5 सप्ताह में रिफंड ट्रांसफर हो जाता है। लेकिन किसी तकनीकी गड़बड़ी या गलत विवरण के कारण इसमें देरी हो सकती है।