GST New Slab: जीएसटी काउंसिल की बैठक में होंगे अहम फैसले, क्या आपकी जेब पर पड़ेगा बोझ या मिलेगा राहत?

जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक 3 सितंबर से शुरू हो चुकी है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़े बदलाव की संभावना है। 12% और 28% स्लैब में आने वाले अधिकतर प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे, जबकि शराब जैसी वस्तुएं महंगी हो सकती हैं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 3 September 2025, 2:44 PM IST
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New Delhi: जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक 3 सितंबर से शुरू हो चुकी है। यह बैठक तय समय से पहले बुलाई गई है और इसमें जीएसटी सुधार (GST Reforms) से जुड़े कई बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है।

अभी जीएसटी की प्रणाली में चार स्लैब मौजूद हैं, लेकिन काउंसिल इसे सरल बनाने की दिशा में काम कर रही है। बैठक में प्रस्ताव है कि 99% वस्तुएं, जो फिलहाल 12% के स्लैब में आती हैं, उन्हें 5% के स्लैब में शिफ्ट कर दिया जाए। वहीं 28% वाले स्लैब में आने वाले करीब 90% प्रोडक्ट्स को 18% स्लैब में लाने पर विचार किया जाएगा।

माना जा रहा है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

कौन-कौन सी चीजें होंगी सस्ती?

अगर प्रस्ताव पास हो जाता है तो रोजमर्रा की कई चीजों पर टैक्स घट जाएगा, जिससे उनकी कीमतें भी कम हो जाएंगी।

Decision to change GST (Img: Google)

जीएसटी में बदलाव का फैसला (Img: Google)

12% से 5% स्लैब में आने वाले सामान:

  • प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स (पैकेज्ड मिठाइयाँ, नमकीन, टोमैटो सॉस, पापड़ आदि)
  • रेडीमेड गारमेंट्स और फुटवियर
  • घरेलू सामान (वॉशिंग पाउडर, ब्रश, पंखा आदि)
  • फर्नीचर, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स और इलेक्ट्रिकल एक्सेसरीज़

28% से 18% स्लैब में आने वाले सामान:

  • घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन)
  • टू-व्हीलर और कारें (मिड सेगमेंट)
  • कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स और परफ्यूम
  • पेंट्स, सीमेंट और कंस्ट्रक्शन मटेरियल

इस बदलाव का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा क्योंकि रोजमर्रा की चीजें और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

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क्या होगा महंगा?

जहां कई चीजें सस्ती होंगी, वहीं कुछ प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ने की संभावना है। इनमें शराब और लग्जरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं। शराब पर टैक्स 28% से बढ़ाकर 40% तक किया जा सकता है।

उपभोक्ताओं और उद्योग को फायदा

इस टैक्स सुधार से घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और उपभोग बढ़ेगा। बिक्री बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सरकार का लक्ष्य है कि टैक्स ढांचे को सरल बनाया जाए और उपभोक्ता तथा उद्योग, दोनों को राहत मिले।

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अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर यह फैसला लागू होता है तो आने वाले समय में घरेलू बाजार पर इसका सकारात्मक असर होगा।

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