GST 2.0 का बड़ा तोहफा: घर की कीमतों में कमी, मिडिल क्लास की होगी लाखों की बचत

केंद्र सरकार जीएसटी संरचना को सरल बनाने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित बदलावों से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा फायदा हो सकता है। कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स पर टैक्स घटने से फ्लैट्स की कीमतें कम होंगी और घर खरीदना होगा सस्ता।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 23 August 2025, 2:25 PM IST
google-preferred

New Delhi: घर खरीदने का सपना देखने वालों के लिए इस बार दिवाली खुशियों की बड़ी सौगात ला सकती है। केंद्र सरकार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के ढांचे को सरल और कारगर बनाने की तैयारी में है। फिलहाल भारत में चार टैक्स स्लैब मौजूद हैं—5%, 12%, 18% और 28%। सरकार इन्हें घटाकर केवल दो मुख्य स्लैब, 5% और 18%, में बदलने की योजना बना रही है। लग्जरी और ‘सिन गुड्स’ (जैसे तंबाकू, शराब आदि) पर 40% तक जीएसटी का प्रस्ताव भी रखा गया है।

नई दिल्ली में 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो इसका सीधा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ेगा और घर खरीदने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।

रियल एस्टेट को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी संरचना में सुधार से रियल एस्टेट सेक्टर सबसे बड़ा लाभार्थी होगा। वर्तमान में सीमेंट पर 28% और स्टील, पेंट व टाइल्स पर 18-28% तक टैक्स लगता है। प्रस्तावित बदलाव के बाद इन्हें 18% स्लैब में लाने की योजना है। इससे फ्लैट की लागत 150 रुपये प्रति स्क्वॉयर फीट तक घट सकती है।

उदाहरण के लिए, 1,000 स्क्वॉयर फीट का अपार्टमेंट लेने पर ग्राहक को लगभग 1.5 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है। यानी घर खरीदना अब पहले से ज्यादा किफायती हो सकता है।

buying a house will be easy GST

घर खरीदना होगा आसान

मौजूदा जीएसटी ढांचा

  • 45 लाख रुपये से अधिक के अधनिर्मित (Under Construction) फ्लैट पर 5% जीएसटी।
  • 45 लाख तक की अफोर्डेबल हाउसिंग पर केवल 1% जीएसटी।
  • रेडी-टू-मूव फ्लैट्स पर कोई जीएसटी नहीं।
  • निर्माण सामग्री पर अलग-अलग दरें: सीमेंट पर 28%, पेंट पर 28%, टाइल्स पर 18% और स्टील पर 18%।

आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का मुद्दा

2019 से डेवलपर्स को निर्माण सामग्री पर आईटीसी का लाभ नहीं दिया जाता। इसका मतलब है कि सामग्री पर चुकाए गए टैक्स (18-28%) सीधे फ्लैट की लागत में जुड़ जाते हैं। उदाहरण के लिए, 1,000 स्क्वॉयर फीट का फ्लैट यदि 25 लाख रुपये का है, तो आईटीसी न मिलने की वजह से उस पर लगभग 5 लाख रुपये का अतिरिक्त टैक्स जुड़ सकता है।

मिडिल क्लास और अफोर्डेबल हाउसिंग को राहत

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव से मिडिल क्लास और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। 1.5 से 7.5 लाख रुपये तक की सीधी बचत संभव है। यह सुधार उन लोगों के लिए मददगार होगा जो पहली बार घर खरीदने की सोच रहे हैं।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 23 August 2025, 2:25 PM IST