

NPCI ने 1 सितंबर 2025 से UPI के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब यूजर्स गोल्ड लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन और FD की रकम का भी भुगतान UPI से कर सकेंगे। जानिए नए नियमों का पूरा विवरण और किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा।
UPI पेमेंट नया नियम (सोर्स-गूगल)
New Delhi: डिजिटल पेमेंट्स को लेकर भारत में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब 1 सितंबर 2025 से गोल्ड लोन, बिजनेस लोन और FD की रकम का भुगतान भी UPI के जरिए किया जा सकेगा। इससे देशभर के करोड़ों डिजिटल यूजर्स को बैंकिंग से जुड़े लेन-देन में आसानी होगी और बैंक जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
अब तक UPI का इस्तेमाल केवल सेविंग्स अकाउंट, ओवरड्राफ्ट अकाउंट और कुछ RuPay क्रेडिट कार्ड्स तक सीमित था। लेकिन अब NPCI ने नियमों में बदलाव करते हुए लोन अकाउंट्स को भी UPI से जोड़ने की मंजूरी दे दी है। इस बदलाव के बाद यूजर्स अपने Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे लोकप्रिय UPI ऐप से सीधे अपने लोन अकाउंट से ट्रांजेक्शन कर सकेंगे।
अब लोन की रकम पर भी होगा नियंत्रण
नए नियमों के अनुसार, ग्राहक अपने लोन अकाउंट से सीधे हॉस्पिटल बिल, स्कूल-फीस, बिजनेस खर्च जैसे जरूरी भुगतानों के लिए पैसे भेज सकेंगे। हालांकि यह तय करना संबंधित बैंक का अधिकार होगा कि लोन की रकम किन खर्चों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोन का दुरुपयोग न हो और रकम सिर्फ जरूरत के अनुसार ही खर्च हो।
UPI पेमेंट में 1 सितंबर से होगा बड़ा बदलाव (सोर्स-गूगल)
P2PM और कैश विदड्रॉल की भी मिलेगी सुविधा
नए दिशानिर्देशों में एक और खास सुविधा जोड़ी गई है – P2PM ट्रांजेक्शन की। यानी अब ग्राहक सिर्फ व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) ही नहीं, बल्कि व्यक्ति से व्यापारी (P2PM) तक भी पेमेंट कर सकेंगे। इसके साथ ही UPI के जरिए सीमित मात्रा में नकद निकासी (Cash Withdrawal) की सुविधा भी शुरू होगी।
NPCI ने इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण लिमिट भी तय
1 लाख रुपये तक का UPI पेमेंट प्रतिदिन
10,000 रुपये प्रतिदिन कैश विदड्रॉल लिमिट
P2P ट्रांजेक्शन की दैनिक सीमा 20 तक
छोटे कारोबारियों को मिलेगा बड़ा फायदा
यह बदलाव खासतौर पर उन छोटे व्यापारियों और स्वरोज़गार करने वालों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो बिजनेस लोन लेकर भुगतान करने के लिए बार-बार बैंक के चक्कर काटते थे। अब वे UPI के माध्यम से सीधे अपने व्यापार से जुड़े भुगतानों का निपटारा कर पाएंगे। इससे समय और संसाधन दोनों की बचत होगी।