

फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में ₹5189 करोड़ का एकीकृत घाटा हुआ है, जो पिछले वर्ष से अधिक है। इसके विपरीत, मिंत्रा डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड ने ₹548.3 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया है।
फ्लिपकार्ट और मिंत्रा
New Delhi: अमेरिका की दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में ₹5189 करोड़ का एकीकृत घाटा हुआ है। यह जानकारी बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टॉफलर से प्राप्त आंकड़ों के माध्यम से सामने आई है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह घाटा ₹4248.3 करोड़ था, यानी इस वर्ष फ्लिपकार्ट को घाटे में लगभग 22% की वृद्धि हुई है।
टॉफलर के अनुसार, फ्लिपकार्ट की परिचालन से एकीकृत आय में 17.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कंपनी ने FY24 में ₹70,541.9 करोड़ का राजस्व अर्जित किया था, जो FY25 में बढ़कर ₹82,787.3 करोड़ हो गया। इससे साफ होता है कि कंपनी का बिजनेस विस्तार कर रहा है, लेकिन लागत और घाटे पर काबू नहीं पाया जा सका है।
फ्लिपकार्ट
कंपनी का कुल व्यय FY25 में 17.4% बढ़कर ₹88,121.4 करोड़ हो गया है। वहीं, वित्तीय लागत में भी जबरदस्त उछाल देखा गया है। यह लागत FY25 में 57% बढ़कर ₹454 करोड़ तक पहुंच गई। इस बढ़ती लागत का मुख्य कारण लॉजिस्टिक्स, विज्ञापन, टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर और कर्ज पर ब्याज हो सकता है।
वित्तीय दबाव के बावजूद, फ्लिपकार्ट ने अपनी सबसे बड़ी सालाना सेल Big Billion Days की घोषणा कर दी है। यह सेल 23 सितंबर 2025 से शुरू होगी, जबकि प्लस और ब्लैक मेंबर्स को यह सेल 22 सितंबर से ही उपलब्ध होगी। यह सेल कंपनी की आय में इजाफा करने और ग्राहकों को जोड़ने का अहम अवसर हो सकती है।
जहां फ्लिपकार्ट को घाटे का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उसी के स्वामित्व वाली मिंत्रा डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस वित्त वर्ष में जबरदस्त मुनाफा दर्ज किया है। FY25 में मिंत्रा का एकीकृत मुनाफा ₹548.3 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के ₹30.9 करोड़ से कई गुना ज्यादा है।
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मिंत्रा का परिचालन राजस्व FY25 में ₹6042.7 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹5121.8 करोड़ से 18% ज्यादा है। इस ग्रोथ से यह स्पष्ट है कि फैशन और लाइफस्टाइल सेगमेंट में मिंत्रा की पकड़ और ग्राहक विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है।
फ्लिपकार्ट ने साल 2014 में मिंत्रा को $300 मिलियन (लगभग ₹2,000 करोड़) में अधिग्रहित किया था। एक दशक बाद मिंत्रा न केवल फायदे में है, बल्कि फ्लिपकार्ट के लिए एक मजबूत राजस्व स्रोत भी बन गया है।
फ्लिपकार्ट और मिंत्रा के वित्तीय आंकड़े भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में दोहरी स्थिति को दर्शाते हैं। एक ओर कंपनियों को बिजनेस विस्तार और बिक्री में इजाफा मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर लागतें और वित्तीय दवाब बढ़ रहे हैं। टेक्नोलॉजी, डिलीवरी नेटवर्क और कस्टमर एक्विजिशन में भारी निवेश इन घाटों के पीछे मुख्य कारण हो सकते हैं।