

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ (Trump Tariff) एक बार फिर वैश्विक व्यापार में हलचल मचा रहा है। 7 जुलाई को ट्रंप ने 14 देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो देश अमेरिकी नीति के खिलाफ जाएंगे, उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रंप का नया टैरिफ हमला (सोर्स-गूगल)
New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ (Trump Tariff) एक बार फिर वैश्विक व्यापार में हलचल मचा रहा है। 7 जुलाई को ट्रंप ने 14 देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसमें जापान, साउथ कोरिया, म्यांमार, कजाकिस्तान, बांग्लादेश और थाईलैंड जैसे देशों को 25% से 40% तक के टैरिफ का सामना करना होगा। इसके साथ ही, उन्होंने ब्रिक्स देशों को भी कड़ी चेतावनी दी, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो देश अमेरिकी नीति के खिलाफ जाएंगे, उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
BRICS क्या है?
BRICS एक आर्थिक संगठन है जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इन देशों का उद्देश्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में सहयोग बढ़ाना और वैश्विक आर्थिक संतुलन को सुनिश्चित करना है। 2009 में स्थापित इस संगठन ने 2024 में ईरान, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात को भी शामिल किया। BRICS देशों का वर्तमान में दुनिया की जीडीपी में 35% से अधिक योगदान है।
ट्रंप की चेतावनी का कारण
डॉलर की गिरावट: अमेरिकी करेंसी डॉलर की हालिया गिरावट ने ट्रंप को चिंतित कर दिया है। BRICS के सदस्य देश, खासकर चीन और रूस, डॉलर के बजाय अपनी खुद की करेंसी में व्यापार करने की दिशा में बढ़ रहे हैं, जिससे अमेरिका का आर्थिक प्रभुत्व चुनौती में आ सकता है।
US Dollar का विरोध: BRICS देशों ने डॉलर के बजाय अन्य करेंसियों को प्राथमिकता देने की बात की है, जिससे ट्रंप को यह महसूस हो रहा है कि अमेरिका के आर्थिक प्रभुत्व को चुनौती दी जा रही है। रूस ने 2022 में BRICS देशों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय करेंसी की भी पेशकश की थी।
ब्रिक्स देशों की प्रतिक्रिया
BRICS देशों ने ट्रंप की चेतावनी को सिरे से खारिज किया है। ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनसियो लूला दा सिल्वा ने कहा, "हम सम्राट नहीं चाहते।" उनका कहना है कि BRICS देशों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करने के नए तरीके तलाशने की दिशा में कदम बढ़ाया है। वहीं, चीन ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है, और कहा कि BRICS किसी भी देश के खिलाफ नहीं है।
भारत पर क्या असर होगा?
भारत के लिए यह स्थिति थोड़ी जटिल हो सकती है। भारत BRICS का संस्थापक सदस्य है और हाल ही में ब्राजील के घोषणापत्र पर साइन कर चुका है, जिसमें अमेरिकी टैरिफ की आलोचना की गई है। हालांकि, ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच एक नए ट्रेड डील की संभावना को भी व्यक्त किया है, जिससे भारत पर एक्स्ट्रा टैरिफ का असर कम हो सकता है। भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर अंतिम फैसला जल्द ही हो सकता है, लेकिन अब यह देखना होगा कि ट्रंप की इस धमकी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका की वैश्विक व्यापार नीति
ट्रंप ने 2025 में BRICS देशों को 100% टैरिफ की धमकी दी थी, और कहा था कि यदि ये देश डॉलर का उपयोग करने में कमी करते हैं, तो उन्हें भारी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, हाल ही में 10% की चेतावनी दी गई है, जो संकेत देता है कि ट्रंप प्रशासन किसी भी देश को अपनी नीति से विपरीत कदम उठाने का मौका नहीं देना चाहता है।