ट्रंप के टैरिफ वार का चीन ने दिया जवाब, भारत से बोला- ‘आओ मिलकर करें मुकाबला’

ट्रंप की टैरिफ नीति से परेशान भारत को अब चीन ने सहयोग का प्रस्ताव दिया है। दोनों देशों के बीच संबंधों में नरमी आ रही है और साझा रणनीति पर बातचीत शुरू हो सकती है।

Updated : 9 September 2025, 1:52 PM IST
google-preferred

New Delhi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एकतरफा रूप से घोषित किए गए 50% तक के टैरिफ ने भारत समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। खासकर भारत के लेदर, टेक्सटाइल और हैंडमेड गुड्स जैसे श्रम-प्रधान सेक्टरों पर इस फैसले का गहरा असर पड़ा है। अमेरिकी अदालतों द्वारा इन टैरिफ्स को गैरकानूनी करार दिए जाने के बावजूद, अमेरिकी प्रशासन की टैरिफ नीति ने भारत के निर्यातकों के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

ट्रंप नीति को बताया ‘हथियार’

हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए, चीन के साथ अपने संबंधों में नरमी लानी शुरू की है। एक समय जिन चीनी ऐप्स और उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया था, अब उनमें से कुछ के लिए फिर से एंट्री के रास्ते खुलने लगे हैं। इसके साथ ही भारत रूस, यूरोपीय यूनियन और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर भी तेज़ी से बातचीत कर रहा है ताकि अमेरिकी बाजार पर निर्भरता कम की जा सके।

Trump Tariffs

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

इस बीच चीन ने भी भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ की कड़ी आलोचना करते हुए दोनों देशों के सहयोग को आवश्यक बताया है। भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका विभिन्न देशों पर अत्यधिक शुल्क लगाकर टैरिफ को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन को, जो दोनों ही उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं, इस चुनौती का मिलकर मुकाबला करना चाहिए।

भारत-चीन के साझेदारी का सही वक्त?

चीनी राजदूत ने आगे कहा कि भारत और चीन न केवल आर्थिक मोर्चे पर एक साथ आ सकते हैं, बल्कि आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों पर भी सहयोग कर सकते हैं। यह बयान उन्होंने जापान के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया।

भारत या अमेरिका: ट्रंप के टैरिफ अटैक के बाद किसको होगा ज्यादा नुकसान? जानें आज के सबसे बड़े सवाल का जवाब

भारत सरकार की ओर से भी यह संकेत दिए जा रहे हैं कि वह अब अमेरिका की टैरिफ नीति के खिलाफ कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है। इसके तहत भारत नए बाजारों में निर्यात बढ़ाने, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय व्यापार समझौतों के जरिये नई संभावनाओं की तलाश कर रहा है।

ट्रंप के टैरिफ से 5 दिनों में 2.24 लाख करोड़ का नुकसान, भारतीय निवेशकों की उड़ी नींद, अब क्या होगा?

कुल मिलाकर, अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए भारत एक बहुस्तरीय रणनीति पर काम कर रहा है, जिसमें चीन जैसे परंपरागत प्रतिद्वंद्वी देश के साथ भी रणनीतिक सहयोग का रास्ता खुला रखा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत और चीन इस साझेदारी को व्यवहारिक स्तर पर उतार पाते हैं, या फिर यह केवल कूटनीतिक बयानबाजी तक ही सीमित रह जाएगा।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 9 September 2025, 1:52 PM IST