IPS पूरन सुसाइड केस मामले में बड़ा अपडेट, पत्नी ने पोस्टमार्टम को लेकर की बड़ी मांग

आईपीएस वाई. पूरन कुमार की मौत को अब छह दिन हो चुके हैं, लेकिन मामला शांत होने के बजाय उलझता जा रहा है। चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित सरकारी आवास में 7 अक्टूबर को पूरन कुमार का शव बेसमेंट में गोली लगने की स्थिति में मिला था।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 12 October 2025, 2:46 PM IST
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Chandigarh/New Delhi: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की मौत को अब छह दिन हो चुके हैं, लेकिन मामला शांत होने के बजाय और उलझता जा रहा है। चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित सरकारी आवास में 7 अक्टूबर को पूरन कुमार का शव बेसमेंट में गोली लगने की स्थिति में मिला था। उनके पास से एक 8 पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना और जातिगत भेदभाव के आरोप लगाए।

मृतक अधिकारी की पत्नी और हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार लगातार न्याय की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि  “जब तक हमारे परिवार के साथ हुई अन्याय की पूरी जांच नहीं होती और आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक हम पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे।”

पोस्टमार्टम क्यों नहीं हो सका अब तक?

1. सभी आरोपी अधिकारियों, खासकर डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाया या गिरफ्तार किया जाए।
2. पोस्टमार्टम स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड से हो और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाए।
3. जांच में बैलेस्टिक विशेषज्ञ और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी अनिवार्य हो।

परिवार का कहना है कि अगर यह सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि साजिश का मामला हुआ, तो जल्दबाज़ी में पोस्टमार्टम कराने से कई साक्ष्य मिट सकते हैं। चंडीगढ़ पुलिस और हरियाणा सरकार लगातार बातचीत कर रही हैं ताकि परिवार को राज़ी किया जा सके, लेकिन अब तक सहमति नहीं बनी है।

हरियाणा कैबिनेट की बैठक में चर्चा

पूरन कुमार सुसाइड केस अब सरकार के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों चुनौती बन गया है। शनिवार सुबह हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, सरकार परिवार की मांगों पर सहमति बनाने और एसआईटी की जांच को तेज करने की दिशा में कदम उठा रही है। वहीं, चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर खुद PGI पहुंचीं और ऑटोप्सी सेंटर में पूरी स्थिति का जायजा लिया।उनकी मौजूदगी से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन इस मामले को लेकर बेहद सतर्क है।

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पूरन कुमार की मौत के बाद हरियाणा में जनाक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। कई सामाजिक संगठन और खाप पंचायतें परिवार के समर्थन में उतर आई हैं।

कौन थे  पूरन कुमार 

पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्हें अपने विभागीय कामकाज और ईमानदार छवि के लिए जाना जाता था। घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट में उन्होंने साफ लिखा “मुझे सिस्टम ने तोड़ दिया है। मैं जातिगत उत्पीड़न और मानसिक दबाव से तंग आ चुका हूं।”

हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, क्योंकि उन्होंने अपने ही सरकारी रिवॉल्वर से गोली चलाई थी। लेकिन परिवार और सामाजिक संगठनों का कहना है कि गोली की दिशा और दूरी संदिग्ध है, कमरे में संघर्ष के निशान हैं, और किसी बाहरी शख्स की मौजूदगी के संकेत भी जांच के दायरे में हैं। इसलिए मामला अब सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि संभावित साजिश या दबाव की ओर इशारा कर रहा है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या खुलासा हो सकता है?

पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस केस की सबसे अहम कड़ी साबित होगी। विशेषज्ञों के मुताबिक, रिपोर्ट से कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं, जैसे: गोली कितनी दूरी से चलाई गई, शरीर पर संघर्ष या दबाव के निशान हैं या नहीं, क्या विषैले पदार्थ का सेवन हुआ, और गोली का एंगल आत्महत्या जैसा है या नहीं। अगर रिपोर्ट में विसंगतियां सामने आती हैं, तो यह केस आत्महत्या से आगे बढ़कर हत्या या साजिश के शक में बदल सकता है।

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सरकार पर बढ़ता दबाव और जनता की निगाहें जांच पर

पूरन कुमार की मौत के बाद हरियाणा पुलिस की कार्यप्रणाली और सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं “अगर एक सीनियर आईपीएस अधिकारी सिस्टम से न्याय नहीं पा सका, तो आम नागरिक की क्या उम्मीद होगी?” अब पूरा राज्य पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सरकार के अगले फैसले का इंतजार कर रहा है। कैबिनेट बैठक के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार परिवार की मांगों को मानते हुए एसआईटी जांच को और सशक्त बनाएगी।

न्याय की उम्मीद में ठहरा हुआ केस

छह दिन से शव पोस्टमार्टम हॉल में है, परिवार न्याय की उम्मीद में अड़ा है और सरकार बैकफुट पर है। पूरन कुमार का सुसाइड केस अब सिर्फ एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम में मौजूद दबाव, राजनीति और जातिगत असमानता का आईना बन चुका है। अब सबकी निगाहें उस रिपोर्ट पर हैं जो यह तय करेगी  क्या वाई. पूरन कुमार ने वाकई खुद को गोली मारी,या फिर वो किसी गहरी साजिश के शिकार बने।

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  • Chandigarh/New Delhi

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  • 12 October 2025, 2:46 PM IST