तदाशा मिश्रा को मिली बड़ी जिम्मेदारी
सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ‘झारखंड के गृह, कारागार और आपदा प्रबंधन विभाग की विशेष सचिव तदाशा मिश्रा (IPS, 1994 बैच) को उनके वर्तमान वेतनमान पर प्रभारी महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्यभार सौंपा जाता है। यह नियुक्ति अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी।’
इस आदेश के साथ ही तदाशा मिश्रा झारखंड की कार्यवाहक पुलिस प्रमुख बन गई हैं। राज्य प्रशासन में उनका यह प्रमोशन एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि उन्हें एक ऐसे समय में कमान सौंपी गई है जब राज्य में कानून-व्यवस्था, नक्सल उन्मूलन और चुनावी तैयारियों को लेकर कई चुनौतियां हैं।
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अनुराग गुप्ता का इस्तीफा स्वीकार
इसी के साथ सरकार ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता (IPS, 1990 बैच) का स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति आवेदन स्वीकार कर लिया है। अधिसूचना में कहा गया है, ‘अनुराग गुप्ता द्वारा प्रस्तुत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन स्वीकार किया जाता है और उन्हें 6 नवंबर 2025 से सेवानिवृत्त माना जाएगा।’
अनुराग गुप्ता ने लगभग तीन दशक लंबा करियर झारखंड पुलिस में बिताया। उन्हें कई अहम पदों पर काम करने का अनुभव है, लेकिन उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा।
विवादों में रहा अनुराग गुप्ता का कार्यकाल
अनुराग गुप्ता को साल 2016 के राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में नाम आने के बाद 26 महीनों के लिए निलंबित किया गया था। इस अवधि के दौरान उन पर राजनीतिक हस्तक्षेप और अनुशासनहीनता के आरोप लगे। हालांकि, निलंबन समाप्त होने के बाद वे दोबारा सक्रिय सेवा में लौटे और उन्हें सीआईडी, एसपी (विशेष शाखा) और डीजी (होमगार्ड) जैसे कई अहम विभागों की जिम्मेदारी दी गई।
बाद में 2024 में हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें झारखंड का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया था। हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने प्रशासनिक निष्पक्षता को लेकर उन्हें डीजीपी पद से हटा दिया था और बाद में सरकार ने उन्हें अतिरिक्त डीजीपी के रूप में नियुक्त किया था।
महिला अधिकारी के रूप में तदाशा मिश्रा की उपलब्धियां
तदाशा मिश्रा 1994 बैच की झारखंड कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। अपने 30 साल के करियर में उन्होंने राज्य के कई जिलों में एसपी और डीआईजी के रूप में काम किया है। उन्हें प्रशासनिक कुशलता और अनुशासनप्रियता के लिए जाना जाता है। झारखंड में महिला सशक्तिकरण, साइबर अपराध नियंत्रण और नक्सल प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था सुधारने में उनके योगदान को विशेष रूप से सराहा गया है।
उनकी नियुक्ति को राज्य में महिला नेतृत्व के उभार के रूप में देखा जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मिश्रा का कार्यकाल पुलिस विभाग में सकारात्मक बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है, खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में। तदाशा मिश्रा के कार्यभार संभालने के बाद झारखंड पुलिस से उम्मीद की जा रही है कि वह नक्सलवाद, साइबर अपराध और महिला सुरक्षा पर फोकस बढ़ाएगी।

