RJD में अंदरूनी अनबन! रोहिणी आचार्य का पोस्ट हुआ वायरल, फिर किया ऐसा कि मची खलबली

रोहिणी आचार्य के एक पोस्ट ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है। आत्मसम्मान की बात करते हुए उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट कर लिया। इस घटनाक्रम को RJD में आंतरिक मतभेद का संकेत माना जा रहा है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 20 September 2025, 1:19 PM IST
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Patna: बिहार की राजनीति एक बार फिर पारिवारिक और व्यक्तिगत नाराजगी के मुद्दों से गरमाई हुई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी और राजनीतिक रूप से सक्रिय रोहिणी आचार्य ने 19 सितंबर 2025 को अपने एक्स अकाउंट पर ऐसा पोस्ट कर दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी। पोस्ट करते ही यह मुद्दा चर्चा में आ गया, क्योंकि इसमें रोहिणी ने भावनात्मक शब्दों के माध्यम से निजी और राजनीतिक स्तर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की।

"कर्तव्य निभाया, अब आत्मसम्मान की बात है"

रोहिणी आचार्य ने पोस्ट में लिखा कि मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्मसम्मान सर्वोपरि है।

रोहिणी आचार्य का पोस्ट हुआ वायरल

पोस्ट वायरल होते ही किया अकाउंट प्राइवेट

इस पोस्ट के वायरल होते ही रोहिणी ने अपना एक्स अकाउंट प्रोटेक्ट मोड में डाल दिया, यानी अब उनके पोस्ट सिर्फ फॉलोअर्स तक ही सीमित रहेंगे। यह कदम इस ओर इशारा करता है कि रोहिणी अपने विचारों को लेकर संवेदनशील हैं और अत्यधिक आलोचना से बचना चाहती हैं।

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परिवार और पार्टी में खींचतान के संकेत?

रोहिणी के इस पोस्ट के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या RJD के भीतर मतभेद उभर रहे हैं? लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पहले ही पार्टी से निष्कासित हो चुके हैं। वहीं तेजस्वी यादव पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके सलाहकारों पर रोहिणी जैसे लोगों की नाराजगी पार्टी में गुटबाजी की ओर संकेत करती है।

चुनावों की रणनीति को प्रभावित करेगा?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में इस तरह की अंदरूनी खींचतान RJD की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है। राजनीति में सोशल मीडिया की भूमिका अब सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह पार्टी के अंदर चल रही गतिविधियों का आईना बन चुकी है। अगर RJD इस अंदरूनी विवाद को जल्द नहीं सुलझा पाती, तो इसका असर तेजस्वी यादव के नेतृत्व और पार्टी की छवि दोनों पर पड़ सकता है।

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लालू परिवार की चुप्पी बनी पहेली

इस पूरे प्रकरण पर लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। रोहिणी की नाराजगी और सोशल मीडिया पर उनकी भावनात्मक अभिव्यक्ति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे पार्टी के कुछ निर्णयों से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, उनकी यह चुप्पी भी रणनीति का हिस्सा हो सकती है, ताकि मामला और ना बढ़े।

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