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बिहार चुनाव 2025 की मतगणना में मोकामा सीट सबसे ज्यादा चर्चाओं में है, जहां बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह शुरुआती रुझानों में आगे दिख रहे हैं। दुलारचंद यादव की हत्या के बाद यह सीट और अधिक संवेदनशील हो गई थी। सियासी प्रतिष्ठा, प्रभाव और विवादों से घिरी यह सीट फिलहाल बेहद रोमांचक मुकाबला पेश कर रही है।
मोकामा विधानसभा सीट पर ताजा रुझान
Mokama: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना शुरू हो चुकी है और जैसे-जैसे शुरुआती रुझान सामने आ रहे हैं, कई सीटें राजनीतिक तापमान बढ़ा रही हैं। लेकिन इन सबमें सबसे ज्यादा जिस सीट पर निगाहें टिकी हैं, वह है मोकामा। इस सीट ने इस बार चुनावी मुकाबले को सियासी, सामाजिक और आपराधिक तीनों मोर्चों पर बेहद संवेदनशील बना दिया है।
मोकामा में मतदान के बाद से ही यह साफ हो गया था कि यहां मुकाबला केवल जीत-हार का नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा और प्रभाव का भी है। शुरुआती रुझानों में जेल में बंद बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह आगे चल रहे हैं, जिसने चुनावी हलकों में नई हलचल पैदा कर दी है।
मोकामा सीट पर इस बार तीन प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं-
अनंत कुमार सिंह (निर्दलीय/स्थानीय प्रभाव आधारित उम्मीदवार)
वीणा देवी (RJD समर्थित)
पीयूष प्रियदर्शी (जन सुराज पार्टी)
हालांकि मुकाबला सीधे तौर पर अनंत सिंह और वीणा देवी के बीच ही माना जा रहा है। जन सुराज के पीयूष प्रियदर्शी युवा मतदाताओं पर प्रभाव डाल रहे हैं, लेकिन निर्णायक स्थिति दो दिग्गजों के बीच ही बन रही है।
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मोकामा चुनाव इस बार क्यों इतना चर्चा में है, इसका बड़ा कारण है- दुलारचंद यादव की हत्या। 30 अक्टूबर को टाल इलाके के बसावन चक गांव में प्रचार के दौरान वाहन साइड देने को लेकर अनंत सिंह और जन सुराज समर्थकों में झड़प हुई। इसी झड़प के बाद दुलारचंद यादव की हत्या हो गई। हत्या में नाम आने के बाद अनंत सिंह को जेल जाना पड़ा।
वीणा देवी ने इस मुद्दे को जमकर भुनाया और जनता के बीच कानून-व्यवस्था और सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाया। वहीं अनंत सिंह के समर्थक इसे सियासी साजिश बता रहे हैं और उनके पक्ष में जमकर माहौल बना रहे हैं।
अनंत सिंह भले ही जेल में हों, लेकिन उनके घर पर माहौल किसी जश्न से कम नहीं। पूरा घर सजाया गया है, समर्थक रात से ही इकट्ठा होकर रुझानों का इंतजार कर रहे हैं। टीवी स्क्रीन और मोबाइल फोन के जरिए समर्थक हर मिनट रुझानों पर नजर जमाए हुए हैं।
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दूसरी ओर, विजयी भरोसे से भरी वीणा देवी के घर पर भी सुबह से ही तैयारी जोरों पर है। लिट्टी-चोखा, रसगुल्ला और कई व्यंजन बनाए जा रहे हैं। उनके परिवार का कहना है कि परिणाम उनके पक्ष में ही आएंगे और जनता इस बार बदलाव का फैसला करेगी।
शुरुआती रुझानों में भले ही अनंत सिंह आगे दिख रहे हों, लेकिन मोकामा में मुकाबला हर मिनट बदलता दिखाई दे रहा है। हत्या, दबदबा, जातीय समीकरण और राजनीतिक प्रतिष्ठा, इन सबके बीच मोकामा सीट इस चुनाव की सबसे हाई-प्रोफाइल लड़ाई बन चुकी है। अंतिम नतीजे ही यह तय करेंगे कि मोकामा की राजनीति पर अनंत सिंह या वीणा देवी का प्रभाव कायम रहेगा।