

भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने घोषणा की है कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका कहना है कि वे चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में शामिल नहीं हुए, बल्कि समाज सेवा के उद्देश्य से राजनीति में आए हैं। पवन सिंह पार्टी कार्यों में सक्रिय रहेंगे, लेकिन फिलहाल चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे।
अभिनेता पवन सिंह (फोटो सोर्स गूगल)
Patna: भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय गायक और अभिनेता पवन सिंह ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनका यह बयान उन अटकलों पर पूर्ण विराम लगा देता है, जिनमें कहा जा रहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
पवन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं राजनीति में समाज सेवा और अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज़ बनने के लिए आया हूं, न कि चुनाव लड़ने के लिए।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे भारतीय जनता पार्टी में केवल किसी पद या टिकट की लालसा के चलते शामिल नहीं हुए हैं।
मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज से बताना चाहता हूँ कि मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ज्वाइन नहीं किया था और नाहीं मुझे विधानसभा चुनाव लड़ना है |
मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूँ और रहूँगा। pic.twitter.com/reVNwocoav— Pawan Singh (@PawanSingh909) October 11, 2025
कुछ महीने पहले जब पवन सिंह ने बीजेपी की सदस्यता ली थी, तो राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर थी कि पार्टी उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में बतौर उम्मीदवार पेश कर सकती है। पवन सिंह की लोकप्रियता और जनाधार को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा था कि पार्टी उन्हें पूर्वांचल या भोजपुरी बेल्ट की किसी सुरक्षित सीट से मैदान में उतार सकती है।
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लेकिन अब पवन सिंह ने स्वयं यह साफ कर दिया है कि वह इस बार कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।
पवन सिंह ने कहा, "मेरी प्राथमिकता समाज के लिए काम करना है, खासतौर पर युवाओं और कलाकारों के लिए। मैं बीजेपी के मंच से सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर काम करूंगा।" उन्होंने कहा कि वे पार्टी के निर्देशों और संगठनात्मक कामों में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे, लेकिन चुनावी राजनीति से फिलहाल दूर रहेंगे।
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पवन सिंह के इस फैसले को लेकर बीजेपी के अंदर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ नेताओं ने इसे परिपक्व सोच बताया है, जबकि पवन सिंह के प्रशंसकों में हल्की निराशा भी है, जो उन्हें बतौर नेता देखना चाहते थे फिलहाल, पवन सिंह का यह रुख यह दिखाता है कि वे राजनीति को एक मंच के रूप में देख रहे हैं, न कि केवल सत्ता तक पहुंचने का जरिया।