Bihar News: शिक्षा विभाग के ACS एस सिद्धार्थ ने छोड़ी कुर्सी, राजनीति में एंट्री तय

डॉ. एस सिद्धार्थ ने VRS लेकर प्रशासनिक सेवा को अलविदा कह दिया है। सेवानिवृत्ति से पहले ही इस्तीफा देकर सिद्धार्थ ने बड़ा फैसला लिया। अब उनका अगला कदम जदयू के साथ राजनीति की राह पकड़ना हो सकता है।

Updated : 22 July 2025, 8:55 AM IST
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Patna: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) और 1991 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. एस. सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत 17 जुलाई को अपना आवेदन सरकार को सौंपा है। यह इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंच चुका है और अब उनकी स्वीकृति का इंतजार है। माना जा रहा है कि इस्तीफे के पीछे डॉ. सिद्धार्थ की राजनीति में नई पारी शुरू करने की योजना है। वे जदयू (JDU) के टिकट पर नवादा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

राजनीति में एंट्री की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, डॉ. सिद्धार्थ ने हाल ही में नवादा का दौरा किया था जहां उन्होंने स्कूल का निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। लिट्टी सेंकते हुए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं, जिसने उनके जमीन से जुड़ाव को दिखाया। यही नहीं, उनके व्यवहार और कार्यशैली ने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया है। माना जा रहा है कि जदयू उन्हें 2025 के विधानसभा चुनाव में नवादा से उम्मीदवार बना सकती है।

Dr. S. Siddharth Resignation

डॉ. एस. सिद्धार्थ

सेवानिवृत्ति से पहले इस्तीफा

डॉ. एस सिद्धार्थ का नियमित सेवानिवृत्ति 30 नवंबर 2025 को होना था, लेकिन उन्होंने डेढ़ साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का निर्णय लिया। अगर मुख्यमंत्री उनका VRS मंजूर नहीं करते हैं, तो उन्हें तय समय तक सेवा में बने रहना होगा या फिर वह CAT (Central Administrative Tribunal) का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

एसीएस के तौर पर लिए कई बड़े फैसले

डॉ. सिद्धार्थ जब बिहार शिक्षा विभाग में ACS बने, तो उन्होंने तत्कालीन शिक्षा सचिव केके पाठक के कई बड़े फैसलों को पलट दिया। इनमें छात्रों के नाम काटने की प्रक्रिया में बदलाव, स्कूलों की निगरानी की जिम्मेदारी DDC को सौंपना, विश्वविद्यालयों के फ्रीज खातों को चालू करना, स्कूल टाइमिंग तय करने की ज़िम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को देना और निरीक्षण रिपोर्ट का क्रॉस-वेरिफिकेशन अनिवार्य करना जैसे फैसले शामिल थे।

लोगों से सीधे संवाद और अलग अंदाज

डॉ. सिद्धार्थ का काम करने का अंदाज काफी अलग रहा है। वे बिना पूर्व सूचना के स्कूलों का दौरा करते, बच्चों की कॉपियां चेक करते और शिक्षकों से सवाल करते थे। ट्रेन यात्राओं के दौरान वे आम लोगों से बातचीत करते और चाय की दुकानों पर बैठकर संवाद करते दिख जाते थे। ये विशेषताएं उन्हें अन्य अधिकारियों से अलग बनाती थीं और जनता में उनकी छवि एक जमीनी अधिकारी की रही है।

पायलट और फोटोग्राफर भी हैं डॉ. सिद्धार्थ

आईएएस अधिकारी के रूप में पहचान बनाने वाले डॉ. एस. सिद्धार्थ एक ट्रेंड पायलट भी हैं। उन्होंने 5 अक्टूबर 2023 को पहली बार अकेले विमान उड़ाया था। उन्होंने इसे अपने बचपन का सपना बताया था। इसके अलावा उन्हें फोटोग्राफी में भी गहरी रुचि है।

बिहार में बढ़ रहा VRS का ट्रेंड

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आईएएस अधिकारियों के VRS लेने का सिलसिला तेज हो गया है। पिछले 30 दिनों में डॉ. सिद्धार्थ दूसरे अधिकारी हैं जिन्होंने इस्तीफा दिया है। उनसे पहले दिनेश कुमार राय ने 13 जून को VRS लिया था, जिसे 15 जुलाई से प्रभावी माना गया।

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