उत्तर प्रदेश चुनाव: पूर्वाचल में होगा बाहुबलियों के दमखम का इम्तहान

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अब पूर्वाचल की दहलीज पर आ पहुंचा है। राज्य के इस हिस्से में अंतिम चरण के चुनावी अखाड़े में कई बाहुबलियों के दम-खम का इम्तहान होना है।

फ़ाइल फ़ोटो
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अब पूर्वाचल की दहलीज पर आ पहुंचा है। राज्य के इस हिस्से में अंतिम चरण के चुनावी अखाड़े में कई बाहुबलियों के दम-खम का इम्तहान होना है। 

कभी बनारस जिले का हिस्सा रहे चंदौली का सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र बाहुबलियों के आमने-सामने होने से खास बन गया है। बनारस की जेल में बंद बाहुबली बृजेश सिंह भले ही इस सीट से चुनाव मैदान में नहीं हैं, लेकिन उनका भतीजा सुशील सिंह यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं।  सुशील के मुकाबले यहां के बाहुबली श्याम नरायण सिंह उर्फ विनीत सिंह हैं। वह फिलहाल झारखंड की जेल में बंद हैं। विनीत और बृजेश सिंह के बीच यहां हमेशा मुकाबला होता रहा है। सैयदराजा सीट पर सुशील के प्रचार की कमान बृजेश की पत्नी किरण सिंह ने संभाल रखी है।

डॉन की पत्नी बिना किसी तामझाम के सबके घर पहुंच रही हैं। किरण कहती हैं, "प्रचार के लिए घर-घर जाती हूं। किसी तरह का कोई तामझाम नहीं। हर मतदाता तक पहुंचने का लक्ष्य बनाया है। सुबह निकल जाती हूं और शाम तक प्रचार का काम चलता रहता है।"

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सैयदराजा सीट पर रोचक बात यह है कि खुद बृजेश सिंह भी वर्ष 2002 के चुनाव में मैदान में थे, लेकिन समाजवादी पार्टी के मनोज सिंह ने उन्हें कम अंतर से हरा दिया था। इस बार भी मनोज सिंह सपा-कांग्रेस गठबंधन की तरफ से मैदान में हैं। बृजेश सिंह हालांकि बाद में विधान परिषद सदस्य बनने में कामयाब रहे थे। पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह भी जौनपुर जिले की मडियाहूं सीट से चुनाव लड़ रही हैं। 2012 के चुनाव में सीमा अपना दल के टिकट पर चुनाव लड़कर हार चुकी हैं। इस बार निषाद पार्टी और कृष्णा पटेल के अपना दल से उन्हें टिकट मिला है। 

सीमा ने कहा, "मडियाहूं की जनता इस बार स्वीकार करेगी। पिछले पांच वषरें से लगातार जनता के बीच रही हूं। लोगों के सुख-दुख में हमेशा भागीदार रही हूं।"

सीमा सिंह को विधानसभा पहुंचाने के लिए मुन्ना बजरंगी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इलाके के लोग बताते हैं कि इस बार मुन्ना बजरंगी के लोग धनबल और बाहुबल का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। बजरंगी की ताकत की वजह से ही सीमा विरोधियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। सपा ने यहां से श्रद्धा यादव को टिकट दिया है, जबकि बसपा ने भोलानाथ शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। 

भोलानाथ कहते हैं, "बहन जी के शासनकाल में कानून का राज रहता है। गुंडे और माफिया या तो जेल में होते हैं या फिर प्रदेश छोड़कर चले जाते हैं। पिछले पांच वर्षो के दौरान उप्र में गुंडाराज और माफिया राज से जनता तंग आ चुकी है।"

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भाजपा ने यह सीट अपने गठबंधन सहयोगी अपना दल को दे दी है, जिसकी उम्मीदवार लीना तिवारी मैदान में हैं। ज्ञात हो कि पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को मुख्तार अंसारी का करीबी भी माना जाता है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी मुन्ना बजरंगी का नाम आया था। इस हत्याकांड में राय सहित सात लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई थी।

इसके अलावा बाहुबली विजय मिश्र व धनंजय सिंह को भी निषाद पार्टी से टिकट मिला है। विजय मिश्र ज्ञानपुर से और धनंजय सिंह मल्हनी सीट से चुनाव मैदान में हैं। विजय मिश्र हालांकि वर्ष 2012 के चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत चुके हैं। करोड़पति होने के साथ ही उन पर लगभग 26 मुकदमे भी दर्ज हैं।  सपा ने ज्ञानपुर से रामरती बिंद को टिकट दिया है, जबकि भाजपा की तरफ से महेंद्र कुमार बिंद उम्मीदवार हैं और बसपा ने राजेश कुमार यादव को टिकट दिया है।

मल्हनी से धनंजय सिंह के मुकाबले सपा ने भी बाहुबली पारसनाथ यादव को टिकट दिया है, जबकि भाजपा से सतीश कुमार सिंह, और बसपा से विवेक यादव भी चुनाव मैदान में हैं। (आईएएनएस)










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