Dehradun: उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार मूसलधार बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे हरियाणा और दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। वहीं बारिश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा, जिससे चिंता और बढ़ गई है।
सहायक नदियों ने बढ़ाई मुश्किल
यमुना नदी की सहायक नदियों टोंस और अमलावा का जलस्तर भी सामान्य से कहीं अधिक दर्ज किया गया है। ये दोनों नदियां जौनसार बाबर क्षेत्र से बहकर यमुना में मिलती हैं। इन नदियों में भारी पानी आने से यमुना का बहाव और अधिक तेज़ हो गया है। इससे हथिनी कुंड बैराज पर दबाव बढ़ गया है, जो आगे चलकर दिल्ली के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
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हथिनी कुंड बैराज से बढ़ेगा खतरा
हरियाणा स्थित हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी का पानी नियंत्रित तरीके से आगे बढ़ता है। लेकिन जलस्तर अधिक होने की स्थिति में अधिक पानी छोड़ा जा सकता है, जिससे दिल्ली के निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन सकती है। पिछले वर्षों के अनुभव को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही चेतावनी जारी कर दी है।
पहाड़ों में मूसलधार बारिश से यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। टोंस और अमलावा नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की आशंका है।#YamunaFlood #HeavyRain #FloodAlert pic.twitter.com/hzkleYfwZF
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 1, 2025
दिल्ली प्रशासन हुआ सतर्क
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) और सिंचाई विभाग की टीमें पूरी तरह सतर्क हैं। यमुना किनारे बसे निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। राजधानी के यमुना बाजार, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, उस्मानपुर, वज़ीराबाद जैसे इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
बढ़ सकता है जलस्तर, हालात गंभीर
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दो-तीन दिन और बारिश की संभावना जताई गई है। इससे यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश का सिलसिला यूं ही चलता रहा तो हथिनी कुंड से अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा, जो दिल्ली के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
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प्रशासन की अपील और तैयारियां
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत सूत्रों से प्राप्त सूचना पर ही भरोसा करें। SDRF, NDRF और लोकल प्रशासन की टीमें तैयार हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कैंप और मेडिकल सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं।