

मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम के नरेंद्रनगर आगमन पर गढ़वाल की वादियां मैत्री और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो उठीं। पारंपरिक स्वागत समारोह, लोकगीतों और प्रशासनिक भव्यता के साथ यह दौरा भारत और मॉरीशस के आपसी संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हुआ।
गढ़वाल आए मॉरीशस के पीएम डॉ. रामगुलाम
Uttarakhand: टिहरी गढ़वाल के ऐतिहासिक नगर नरेन्द्रनगर ने एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण का साक्षी बनते हुए मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर क्षेत्र में मैत्री, संस्कृति और आध्यात्मिकता की त्रिवेणी एक साथ दिखाई दी।
दोनों देशों के बीच अच्छी हुई दोस्ती
प्रधानमंत्री रामगुलाम के स्वागत में प्रशासन और आम जनता ने जिस उत्साह और आत्मीयता का प्रदर्शन किया, वह दोनों देशों के बीच मजबूत और भावनात्मक रिश्तों का परिचायक रहा। जिलाधिकारी निकिता खंडेवाला और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने स्वयं प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस मौके पर पूरे नरेन्द्रनगर को सुरक्षा और आतिथ्य की दृष्टि से सजाया गया था।
ढोल-नगाड़ों और पुष्प वर्षा के साथ स्वागत
स्वागत समारोह की शुरुआत पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और पुष्प वर्षा के साथ हुई। प्रधानमंत्री के स्वागत में स्थानीय महिला समूहों ने पारंपरिक परिधान में भारतीय और मॉरीशस के राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए गढ़वाल और कुमाऊं की लोकधुनों पर भावभीनी प्रस्तुतियां दीं। यह दृश्य जहां भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा का प्रतीक था, वहीं भारत-मॉरीशस मैत्री की गहराई को भी उजागर करता था।
डॉ. रामगुलाम ने क्या कहा?
डॉ. रामगुलाम ने इस भावनात्मक स्वागत पर नरेंद्रनगर की जनता और प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "भारत और मॉरीशस के रिश्ते केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक हैं। गंगा की इस पावन भूमि पर आकर मैं आत्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण महसूस कर रहा हूं।"
उत्तराखंड एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बन सकता है
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पर्यटन, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में मॉरीशस और उत्तराखंड के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में मॉरीशस के नागरिकों के लिए उत्तराखंड एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बन सकता है।
सैकड़ों लोगों ने अपना योगदान दिया
कार्यक्रम स्थल नरेन्द्रनगर राजमहल और आसपास का क्षेत्र को विशेष रूप से सजाया गया था। रंग-बिरंगे फूलों, पारंपरिक अलंकरण और प्रकाश व्यवस्था ने इस ऐतिहासिक अवसर को और भव्य बना दिया। प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सैकड़ों स्थानीय नागरिकों की मौजूदगी ने इस आयोजन को और अधिक विशेष बना दिया।
प्रधानमंत्री का आगमन को गर्व का क्षण
स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री के आगमन को गर्व का क्षण बताया। उनका कहना था कि यह दौरा न केवल नरेन्द्रनगर बल्कि पूरे टिहरी गढ़वाल को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर विशिष्ट स्थान दिलाएगा।