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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू: विवाह पंजीकरण अनिवार्य, 6 दिन तक निःशुल्क सुविधा

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू : विवाह पंजीकरण अनिवार्य, 6 दिन तक निःशुल्क सुविधा
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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू: विवाह पंजीकरण अनिवार्य, 6 दिन तक निःशुल्क सुविधा

देहरादून: उत्तराखंड ने देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला पहला राज्य बनकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस संहिता के अंतर्गत अब राज्य में हर विवाह का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। राज्य सरकार ने सभी धर्मों, जातियों और समुदायों के नागरिकों को 6 दिन तक निःशुल्क विवाह पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है। इसके बाद पंजीकरण के लिए निर्धारित शुल्क देना अनिवार्य होगा।

विवाह के 60 दिनों के भीतर पंजीकरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले को सामाजिक सुधार की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल बताया है। उनके अनुसार विवाह पंजीकरण से महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा। पंजीकरण न होने से कई बार महिलाओं को संपत्ति, उत्तराधिकार और अन्य कानूनी मामलों में परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब हर जोड़े को विवाह के 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधे आवेदन

सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और ऑनलाइन कर दिया है ताकि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। इच्छुक जोड़े http://ucc.uk.gov.in पोर्टल पर जाकर लॉगिन कर सकते हैं या दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधे आवेदन कर सकते हैं। आधार कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र, फोटो और पहचान पत्र जैसे दस्तावेज़ अपलोड कर घर बैठे ही पंजीकरण कराया जा सकता है।

जिला प्रशासन या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना

राज्य के सभी जिलों में पंजीकरण केंद्र भी बनाए गए हैं, जहां सहायता डेस्क से जरूरतमंद लोगों को मदद मिलेगी। अधिकारियों ने कहा है कि पंजीकरण के दौरान कोई अतिरिक्त दस्तावेज या शुल्क न मांगा जाए। यदि कोई शिकायत होती है तो नागरिक तुरंत जिला प्रशासन या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दे सकते हैं।

प्रशासन ने अपील की है कि जो लोग पहले से विवाहित हैं और अब तक विवाह पंजीकरण नहीं करा पाए हैं, वे भी इस विशेष छूट का लाभ उठाएं। छह दिन बाद निःशुल्क सुविधा समाप्त होते ही पंजीकरण के लिए शुल्क देय होगा। सरकार इसे सामाजिक समानता, महिला सशक्तिकरण और पारदर्शी शासन के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देख रही है।

आग्रह: यदि आप विवाहित हैं और अभी तक विवाह पंजीकरण नहीं कराया है तो जल्द से जल्द यह कानूनी प्रक्रिया पूरी कर अपने अधिकार सुरक्षित करें और इस ऐतिहासिक बदलाव में सहभागी बनें।

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