

रामनगर में पन्याली नाले में बाढ़ के दौरान एक बाइक सवार की जान मुश्किल में पड़ी, लेकिन वह बच गया। स्थानीय लोग हर साल हादसों की चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं मिला।
पन्याली नाले में बाइक सवार की जान को खतरा
Nainital: उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में मानसून का कहर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पन्याली नाला, जो हर साल मानसून में उफनता है, इस बार भी एक बड़ी दुर्घटना का कारण बना। इस नाले में आई तेज़ बाढ़ में एक बाइक सवार बाल-बाल बचा। मटमैले पानी की तेज़ धारा को पार करने की कोशिश में वह युवक फिसल गया, लेकिन किसी तरह से वह खुद को संभालने में कामयाब रहा। यह घटना कैमरे में कैद हो गई, जिससे पूरे इलाके में खौफ फैल गया।
यहां के स्थानीय लोग मानते हैं कि नाले का बहाव हर साल इतना तेज़ होता है कि एक चूक से जान जा सकती है। बावजूद इसके लोग जोखिम उठाकर इस नाले को पार करने की कोशिश करते हैं। प्रशासन की तरफ से न तो यहां कोई स्थायी पुल बनाया गया है, न ही कोई वैकल्पिक मार्ग। इस नाले के उफान की वजह से पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।
स्थानीय लोग अब प्रशासन से अस्थायी पुल या सुरक्षित मार्ग की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस क्षेत्र में स्थायी सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले दिनों में बड़े हादसे हो सकते हैं। प्रशासन ने संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी बोर्ड तो लगा दिए हैं, लेकिन लोग अब भी अपनी जान जोखिम में डालकर इन नालों को पार करने की कोशिश करते हैं।
मनसून के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं का होना आम बात है, लेकिन उत्तराखंड में हालात बेकाबू हो चुके हैं। प्रशासन को स्थिति पर काबू पाने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे, वरना आने वाले समय में इन घटनाओं में और भी वृद्धि हो सकती है।
यहां के ग्रामीणों का कहना है कि हर साल यही खतरा मंडराता है, लेकिन प्रशासन और आम लोग इस खतरनाक स्थिति के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। उन्हें लगता है कि यह बस एक हादसा था, लेकिन असल खतरा इससे कहीं बड़ा है। अब सवाल यह उठता है कि जब प्रशासन को यह खतरे पहले से दिख रहे थे, तो उसने इस पर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए?