उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स से शनिवार को बड़ी खबर सामने आ रही है। हरिद्वार के लक्सर में कोर्ट पेशी के दौरान गोली लगने से घायल कुख्यात बदमाश विनय त्यागी की एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान मौत हो गई। उस पर 46 मुकदमे दर्ज थे।

कुख्यात बदमाश विनय त्यागी की AIIMS ऋषिकेश में मौत
देहरादून: पश्चिमी यूपी के कुख्यात बदमाश विनय त्यागी की AIIMS ऋषिकेश में उपचार के दौरान शनिवार को मौत हो गई। हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में पुलिस कस्टडी के दौरान गोली लगने से वह घायल हुआ था। मृतक बदमाश पश्चिमी यूपी का रहने वाला था। उस पर कई सारे आपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
गौरतलब है कि बुधवार दोपहर को हरिद्वार जिले के लक्सर में पेशी के दौरान विनय त्यागी पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी और फरार हो गए। गंभीर रूप घायल विनय को इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। अचानक हुई गोलीबारी से इलाके में हड़कंप मच गया था।
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जानकारी के अनुसार रुड़की कारागार में बंद कुख्यात बदमाश विनय त्यागी की धोखाधड़ी के एक मामले में लक्सर एसीजेएम कोर्ट में पेशी थी। कारागार से चालक सहित छह पुलिसकर्मी सरकारी टाटा सूमो वाहन में उसे पेशी पर लक्सर लेकर आ रहे थे। इस दौरान जब वह फ्लाई ओवर के मध्य पहुंचे तो यहां जाम के दौरान सामने वाहन होने के कारण उन्हें वाहन को रोकना पड़ा। इसी दौरान यहां पहले से घात लगाकर मौजूद दो बाइक पर सवार नकाबपोश बदमाशों ने पुलिस के वाहन पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी।
विनय त्यागी करोड़ों रुपये की एक हाई-प्रोफाइल चोरी के मामले में आरोपी था। आरोप है कि मेरठ-गाजियाबाद के एक बड़े एनएचएआई ठेकेदार का भारी मात्रा में कैश, कई किलो सोना, ज्वैलरी और बेनामी संपत्तियों के कागजात देहरादून में छिपाकर रखे गए थे। यह सारा माल एक कार में रखा गया था, जिसे विनय त्यागी ने चुरा लिया था। इसी मामले में देहरादून पुलिस ने विनय त्यागी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था। उसके पास से बड़ी मात्रा में चोरी का माल बरामद करने का दावा किया गया था।
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विनय त्यागी की मौत के बाद परिवार ने उत्तराखंड पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का दावा है कि विनय को जानबूझकर मरवाया गया, ताकि वह ED या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी के सामने बड़े खुलासे न कर सके। बहन सीमा त्यागी का आरोप है कि पेशी के दौरान हमला पूरी तरह साजिश के तहत कराया गया। उन्होंने इस पूरे मामले में उत्तराखंड पुलिस की भूमिका को संदिग्ध करार दिया है।
मृतक बदमाश विनय त्यागी ने 16 साल की उम्र में आपराधिक दुनिया में कदम रखा था। सबसे पहले उसनेअपने सहपाठी पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले में उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था। यहां से छूटने के बाद वह पूरी तरह से आपराधिक दुनिया में शामिल हो चुका था। साल 2015 में विनय ने दो लोगों की हत्या की थी। उस पर मुजफ्फरनगर, मेरठ, हरिद्वार और देहरादून में लूट, हत्या, रंगदारी के 46 मुकदमे दर्ज थे।