Nainital: पर्यटकों की लापरवाही एक बेजुबान पर पड़ी भारी, ऐसे बची सांभर डियर की जान

नैनीताल के रामनगर में शनिवार को घूमने आए पर्यटकों की एक छोटी सी गलती बेजुवान पर भारी पड़ गई। सूचना पर मौक पर पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने मासूम चौपाय को मौत के मुंह से ऐसे बचा लिया। वन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वन्यजीवों को भोजन न कराएं, उनके साथ सेल्फी लेने से बचें।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 6 December 2025, 2:46 PM IST

Nainital: रामनगर में वन्य जीव के साथ एक चौंकाने वाला प्रकरण सामने आया। शनिवार को रामनगर में सड़क पर एक सांभर डियर घूम रहा था। इस दौरान पर्यटकों की भीड़ ने उसे घेर लिया और सेल्फी लेने लगे। इस बीच कई लोग उसे बिस्किट और खाद्य पदार्थ खिलाने लगे। तभी अचानक बेजूबान की तबीयत बिगड़ने लगी और वह  लड़खड़ाते हुए पास के जंगल में  गिर गया। सूचना पर मौक पर पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने मासूम चौपाय को मौत के मुंह से सुरक्षित बचा लिया।

जानकारी के अनुसार रामनगर-हल्द्वानी मार्ग पर कोसी बैराज के पास लंबे समय से सांभर हिरण दिखाई दे रहा है। लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना सांभर हिरण शनिवार को मुश्किलों में घिर गया। लगातार पर्यटक और राहगीर उसके साथ सड़कों पर सेल्फी ले रहे थे, वहीं कई लोग उसे बिस्कुट जैसे अनुपयुक्त खाद्य पदार्थ भी खिला रहे थे, जिससे उसकी जान को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया था। वन विभाग द्वारा उसे सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।

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गौरतलब है कि इस सांभर हिरण की वजह से रामनगर–हल्द्वानी मार्ग पर कई बार जाम की स्थिति भी बन रही थी।

वन विभाग ने ऐसे किया रेस्क्यू

रामनगर वन प्रभाग के रेंज अधिकारी शेखर तिवारी ने बताया कि वन्यजीव और आम जनता की सुरक्षा को देखते हुए,आज सीएफ के आदेश पर डॉ. साकेत बडोला के निर्देश पर रामनगर वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कोसी बैराज से सांभर को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया।

हिरन को रेस्क्यू करती वन विभाग की टीम

रेस्क्यू के बाद इस सांभर हिरण को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित रेस्क्यू सेंटर भेजा गया, जहां अब उसकी पूरी देखरेख विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी। खास बात यह है कि यह रेस्क्यू सेंटर में लाया गया पहला सांभर हिरण है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

बता दें कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (Central Zoo Authority) ने 23 मार्च 2025 को इस रेस्क्यू सेंटर की क्षमता बढ़ाने की स्वीकृति दी थी। इसके तहत अब यहां 32 बाघ, 48 गुलदार, 5 हाथी, विभिन्न प्रजातियों के हिरणों तथा कुमाऊं क्षेत्र में पहली बार घायल पक्षियों के इलाज की भी अनुमति मिल चुकी है।

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यह निर्णय वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता के संवर्धन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, इससे कॉर्बेट लैंडस्केप और आसपास के वन क्षेत्रों में घायल, बीमार या भटके हुए वन्यजीवों को समय पर इलाज और सुरक्षित संरक्षण मिल सकेगा।

वन विभाग ने जनता से की अपील

वन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वन्यजीवों को भोजन न कराएं, उनके साथ सेल्फी लेने से बचें और किसी भी वन्यजीव को आबादी में दिखने पर तुरंत वन विभाग को सूचना दें। छोटी सी लापरवाही एक बेजुबान की जान पर भारी पड़ सकती है।

Location : 
  • Ramnagar

Published : 
  • 6 December 2025, 2:46 PM IST