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रुद्रप्रयाग जनपद में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। उच्छोला गांव में मकानों को खतरा है और मवेशियों की मौत हो गई है, वहीं कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।
रुद्रप्रयाग जनपद में भारी बारिश
Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। जिले के कई हिस्सों में भारी भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे न केवल संपत्ति का नुकसान हुआ है बल्कि जान-माल को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
जखोली विकासखंड के उच्छोला गांव में एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जहां एक घर का आंगन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इस हादसे में एक गाय मलबे में दबकर मारी गई, और दो पहिया वाहन भी मलबे के नीचे दब गए। गांव में मकान खतरे की जद में आ गए हैं, और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। स्थानीय निवासी किसी तरह सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
#रुद्रप्रयाग जनपद में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। उच्छोला गांव में मकानों को खतरा है और मवेशियों की मौत हो गई है, वहीं कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।#Landslide #RudraprayagRain #Monsoon2025 #RoadBlockage pic.twitter.com/VEde8tXr8C
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 31, 2025
वहीं, उखीमठ के चिलौण्ड क्षेत्र में भी भारी भूस्खलन के चलते एक गौशाला पूरी तरह टूट गई, जिसमें कई मवेशी दबकर मारे गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई है, लेकिन खराब मौसम और टूटे हुए रास्तों के कारण राहत कार्यों में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
छेनागाड़ में बह गए 9 लोग, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। संपर्क मार्ग पूरी तरह से टूट चुके हैं और प्रशासन सड़क मार्ग खोलने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सभी रास्ते मलबे और कीचड़ से पट गए हैं, जिससे न तो वाहन आ-जा पा रहे हैं और न ही राहत सामग्री पहुंचाई जा पा रही है।
स्थानीय स्कूलों को शेल्टर होम में बदला गया है, जहां प्रभावित ग्रामीण अस्थायी रूप से शरण लिए हुए हैं। गांव का विद्युत और जल आपूर्ति सिस्टम पूरी तरह से ठप हो गया है। लोग बिना बिजली और पानी के दिन गुजारने को मजबूर हैं।
इधर, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मोटर मार्ग भी भूस्खलन के चलते दिनभर बंद रहा। मार्ग पर बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। सड़क पर फिसलन और कीचड़ के कारण गाड़ियों का चलना बेहद मुश्किल हो गया है, वाहन रेंग-रेंग कर किसी तरह आगे बढ़ पा रहे हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और सभी जरूरी संसाधनों को मौके पर भेजा जा रहा है। लेकिन लगातार बारिश और दुर्गम भू-भाग के कारण राहत और बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
रुद्रप्रयाग से चमोली तक मानसून का कहर, ग्रामीण इलाकों में संकट, अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल
रुद्रप्रयाग में मानसून की बारिश ने तबाही मचा दी है। भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित किया है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम पूरी कोशिश में लगी है कि जल्द से जल्द हालात पर काबू पाया जा सके और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।