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अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों को लेकर हरिद्वार में अपर गंग नहर की बाईं पटरी पर घाट निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने युद्धस्तर पर कार्य शुरू करते हुए तय समयसीमा में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रखा है। विभागीय टीम मौसम और तकनीकी चुनौतियों के बावजूद निर्माण को पूरा करने में जुटी हुई है।
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Haridwar: आगामी अर्धकुंभ मेला 2027 को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार में तैयारियों ने गति पकड़ ली है। विशेष रूप से अपर गंग नहर की बाईं पटरी पर घाटों के निर्माण कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है। यह निर्माण कार्य उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधीन चल रहा है, जिसने निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रोजेक्ट को पूरा करने का संकल्प लिया है।
अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता ने बताया कि लगभग 2.160 किलोमीटर लंबाई में घाटों का निर्माण किया जा रहा है। यह कार्य 3 अक्टूबर से शुरू हुआ था और इसे 2 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि विभाग गुणवत्तापूर्ण निर्माण और समयबद्ध प्रगति पर विशेष ध्यान दे रहा है।
यूपी सिंचाई विभाग के समन्वय से आगे बढ़ा काम
यह निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के नियंत्रणाधीन नहर पर किया जा रहा है। शुरुआत में, 2 और 3 अक्टूबर को समन्वय संबंधी कारणों से निर्माण में अस्थायी व्यवधान आया था। हालांकि, उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने 4 अक्टूबर से कार्य को फिर से आरंभ किया और तेजी से प्रगति की।
मौसम ने दी चुनौती, लेकिन नहीं रुका काम
निर्माण के दौरान मौसम ने कई बार विभाग की परीक्षा ली। 6 और 7 अक्टूबर को भारी वर्षा और ऊंचे जलस्तर के कारण काम रोकना पड़ा। लेकिन 8 से 19 अक्टूबर के बीच इंजीनियरों और श्रमिकों की टीम ने लगातार मेहनत कर घाटों का अधिकांश कार्य ऊंचे जलस्तर तक पूरा कर लिया।
स्लैब क्षतिग्रस्त होने के बाद त्वरित सुधार
अधिशासी अभियंता गुप्ता ने बताया कि 19 अक्टूबर की अपराह्न में घाट की स्लैब पर कंक्रीट डाली गई थी, लेकिन पर्याप्त सेटिंग समय न मिलने और उसी शाम ऊपरी गंग नहर में अधिक पानी छोड़े जाने से स्लैब का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। विभाग ने तुरंत मरम्मत कार्य शुरू किया और क्षतिग्रस्त हिस्से को दुरुस्त कर पुनः निर्माण शुरू कराया।
गुणवत्तापूर्ण निर्माण और सुरक्षा पर फोकस
ओमजी गुप्ता ने कहा कि विभाग का उद्देश्य न केवल समयसीमा का पालन करना है, बल्कि निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। उन्होंने बताया कि सभी घाटों के निर्माण के साथ-साथ आसपास के सुरक्षा रेलिंग, सीढ़ियों और प्रकाश व्यवस्था के कार्य भी समानांतर रूप से चल रहे हैं।
श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधा
अधिशासी अभियंता ने आश्वासन दिया कि अर्धकुंभ मेला 2027 से पहले सभी घाटों और संबंधित संरचनाओं का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित स्नान व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सकेगी।
हरिद्वार में बढ़ा उत्साह
अर्धकुंभ की तैयारियों को लेकर हरिद्वार में प्रशासनिक और धार्मिक उत्साह दोनों चरम पर हैं। घाटों का नया स्वरूप न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि हरिद्वार की धार्मिक-सांस्कृतिक छवि को भी और अधिक आकर्षक बनाएगा। अर्धकुंभ मेला 2027 के लिए चल रहे ये निर्माण कार्य यह संकेत दे रहे हैं कि हरिद्वार एक बार फिर देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा है।