Uttarakhand News: बादल फटने ने मचा दी तबाही, छेनागाड़ में 9 की जिंदगी अब भी लापता!

छेनागाड़ में 28 अगस्त की आपदा के बाद लापता 9 लोगों की तलाश जारी है। बारिश और मलबे के कारण राहत कार्य धीमा हुआ, लेकिन जे.सी.बी. और मैनुअल खुदाई से सर्च अभियान लगातार चल रहा है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 11 September 2025, 5:02 PM IST
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Rudraprayag: 28 अगस्त 2025 की रात्रि को बसुकेदार तहसील क्षेत्र के छेनागाड़ में हुई अतिवृष्टि और बादल फटने की घटना ने भारी जान-माल का नुकसान पहुंचाया। इस प्राकृतिक आपदा ने इलाके में बाढ़, मलबा और बोल्डर गिरने जैसी स्थिति पैदा कर दी। इस आपदा के कारण नौ लोग लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश अभी भी जारी है।

छेनागाड़ में निरंतर सर्च अभियान

आपदा के तुरंत बाद बचाव और राहत कार्य शुरू किया गया। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और मार्गों के क्षतिग्रस्त होने के कारण रेस्क्यू टीमों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। छेनागाड़ क्षेत्र में भारी बोल्डर्स, पत्थरों और दलदल की वजह से सर्च ऑपरेशन को धीमा कर दिया है। लेकिन बचाव दलों ने हार नहीं मानी और मशीनरी एवं मैनुअल तरीके से मलबा हटाकर खोज जारी रखी है।

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मलबा हटाने के लिए मशीनरी का उपयोग

छेनागाड़ में राहत कार्यों में जे.सी.बी. मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि भारी मलबा और बोल्डर हटाए जा सकें। इसके अलावा, मैनुअल खुदाई भी तेजी से जारी है। मलबा हटाने के बाद ही गहरे दलदल में फंसे या दबे हुए लोगों तक पहुंचा जा सकता है। ये प्रयास इस आपदा में फंसे लोगों की तलाश को सफल बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

आवागमन के रास्ते हुए क्षतिग्रस्त

आपदा की वजह से इलाके तक पहुंचने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे राहत कार्यों में रुकावट आई है। मार्गों की मरम्मत के लिए भी स्थानीय प्रशासन ने तेजी से काम शुरू कर दिया है ताकि बचाव दलों की आवाजाही में आसानी हो सके। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी सहयोग मांगा है ताकि सर्च ऑपरेशन को प्रभावी बनाया जा सके।

स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की भूमिका

स्थानीय प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम और एनडीआरएफ के जवान लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने राहत सामग्री वितरण, चिकित्सा सहायता और सर्च अभियान को प्रभावी ढंग से चलाने का कार्य संभाला है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता और मनोवैज्ञानिक सहायता भी उपलब्ध कराई है।

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स्थानीय जनता का सहयोग

स्थानीय लोग भी राहत और सर्च कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं। कई स्वयंसेवक दलों ने राहत सामग्री पहुंचाने, भोजन वितरित करने और जरूरतमंदों की मदद करने में भागीदारी निभाई है। स्थानीय किसानों और युवाओं ने भी मलबा हटाने और मार्ग बनाने में हाथ बटाया है। यह एक सामूहिक प्रयास बन चुका है।

 

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