

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे बंद होने की घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग सतर्क हैं। लगातार बारिश और मलबा गिरने की वजह से सुरक्षा की दृष्टि से मार्ग को बंद करना जरूरी समझा गया। इससे साफ होता है कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की समस्या गंभीर है और इससे निपटने के लिए समय पर रोकथाम और निगरानी जरूरी है। स्थानीय लोग और यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि भविष्य में इसी तरह की दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।
अल्मोड़ा-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भीषण सड़क हादसा
Almora-Haldwani: राष्ट्रीय राजमार्ग पर क्वारब के पास लगातार हो रही तेज बारिश ने एक बार फिर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भारी वर्षा के चलते सोमवार सुबह से इस क्षेत्र में पहाड़ से मलबा और पत्थर गिरने का सिलसिला शुरू हो गया, जिससे सड़क पर आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई। सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने इस प्रमुख मार्ग को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है।
प्रशासन के अनुसार, क्वारब क्षेत्र में मलबा गिरने से सड़क के कई हिस्से पूरी तरह अवरुद्ध हो गए हैं। इससे न केवल स्थानीय यातायात बल्कि अल्मोड़ा और हल्द्वानी के बीच आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी ठप हो गई है। यात्रियों और वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए कहा गया है। फिलहाल रानीखेत, लमगड़ा और अन्य मार्गों से यातायात को डायवर्ट किया जा रहा है।
मौसम विभाग ने भी स्थिति को गंभीर मानते हुए अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने आशंका जताई है कि आगामी घंटों में बारिश की तीव्रता और बढ़ सकती है, जिससे मलबा गिरने और भूस्खलन की घटनाओं में इजाफा हो सकता है। इस कारण प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्वारब क्षेत्र में भूस्खलन और मलबा गिरने की समस्या हर साल बरसात के मौसम में सामने आती है। इससे न केवल यातायात बाधित होता है बल्कि लोगों की जान-माल को भी गंभीर खतरा रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में भूस्खलन की समस्या से निपटने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग के अलर्ट का पालन करें। साथ ही, पहाड़ी मार्गों पर चलते समय सावधानी बरतने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण और रखरखाव के दौरान भूस्खलन की संभावनाओं को रोकने के लिए क्या पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। स्थानीय लोग और यात्री सुरक्षा की दृष्टि से इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि मौसम सामान्य होते ही मार्ग को साफ कर जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।