

ऑल इंडिया धनगर समाज महासंघ उत्तराखंड के तत्वावधान में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 229वीं पुण्यतिथि पर एक भव्य एवं भावपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रदेशभर से धनगर समाज के वरिष्ठ सदस्य, प्रतिनिधि और युवा बड़ी संख्या में पहुंचे और इस महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अहिल्याबाई की पुण्यतिथी
Haridwar: हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित श्री कृष्णा गार्डन कॉलोनी कार्यालय में बुधवार को ऑल इंडिया धनगर समाज महासंघ उत्तराखंड के तत्वावधान में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 229वीं पुण्यतिथि पर एक भव्य एवं भावपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रदेशभर से धनगर समाज के वरिष्ठ सदस्य, प्रतिनिधि और युवा बड़ी संख्या में पहुंचे और इस महान विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का संचालन महासंघ के प्रदेश महासचिव पवन पाल धनगर ने किया। प्रारंभ में सभी उपस्थित लोगों ने माता अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित कर नमन किया। पूरे माहौल में भक्ति, सम्मान और गर्व की भावना झलक रही थी। उपस्थित जनमानस मानो इतिहास के पन्ने पलटकर अपनी गौरवशाली विरासत से जुड़ रहा था।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज धनगर ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर सिर्फ एक शासक नहीं, बल्कि प्रजा की सच्ची संरक्षिका और भारतीय संस्कृति की अद्वितीय प्रतीक थीं। उन्होंने अपने शासनकाल में धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में ऐसे अनुकरणीय कार्य किए, जो आज भी समाज को प्रेरित करते हैं। मनोज धनगर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दुखद स्थिति है कि माता के वंशज और धनगर समाज के लोग आज भी अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब पूरा देश माता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर रहा है, धनगर समाज को अपनी पहचान और हक के लिए अब भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष पवन पाल धनगर, कोषाध्यक्ष जसवीर धनगर, प्रदेश महासचिव जॉनी धनगर, प्रदेश सचिव चंदन धनगर, अभिषेक प्रताप, कर्मवीर धनगर, अनूप धनगर, पंकज धनगर, रोहित धनगर, दीपक धनगर, प्रवीण धनगर, गौरव धनगर, सुमित धनगर, वेदपाल धनगर, वनी धनगर और सिवान समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।
गोष्ठी में वक्ताओं ने सरकार से मांग की कि धनगर समाज को जल्द से जल्द उनके संवैधानिक अधिकार दिए जाएं, ताकि समाज अपने गौरवपूर्ण इतिहास के अनुरूप विकास के पथ पर आगे बढ़ सके। कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी ने समाज की एकता और अधिकारों की प्राप्ति के लिए मिलकर कार्य करने का वचन लिया।