फतेहपुर में डॉक्टर बना हत्यारा: महिला का किया ऐसा हाल, कुछ घंटों में हो गई मौत, जानें पूरा मामला
फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से महिला की मौत हो गई। पुलिस ने धनंजय प्रजापति और उसकी महिला सहयोगी पूनम पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जांच में सामने आया कि आरोपी बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध क्लीनिक चला रहा था।
Fatehpur: इलाज के नाम पर लापरवाही की एक बड़ी घटना सामने आई है। जिसमें एक महिला की जान चली गई। यह मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के असोथर थाना क्षेत्र के झब्बापुर गांव का है, जहां बिना किसी चिकित्सकीय योग्यता के झोलाछाप डॉक्टर और उसकी महिला सहयोगी इलाज कर रहे थे। अब इस मामले में पुलिस ने दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
बिगड़ी तबीयत, झोलाछाप पर भरोसा और फिर मौत
झब्बापुर गांव निवासी प्रमोद कुमार पासवान ने 14 अगस्त को पत्नी शिवकली (34) की तबीयत बिगड़ने पर गांव के जागेश्वर धाम तिराहा स्थित धनंजय प्रजापति के क्लीनिक में इलाज कराया था। आरोप है कि इलाज के दौरान महिला की हालत और भी खराब हो गई। गंभीर स्थिति देखकर धनंजय प्रजापति और उसकी सहयोगी पूनम बिना परिजनों को सूचना दिए क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए।
अगले ही दिन 15 अगस्त को शिवकली की मौत हो गई। परिजनों ने घटना की शिकायत मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजीव नयन गिरि से की, जिन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में यह साफ हो गया कि धनंजय बिना किसी रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से क्लीनिक चला रहा था।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, आरोपियों की तलाश जारी
थाना प्रभारी निरीक्षक अभिलाष तिवारी ने बताया कि मृतका के पति की तहरीर और सीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर झोलाछाप धनंजय प्रजापति और उसकी सहयोगी पूनम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उन पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के उल्लंघन, लापरवाही से इलाज करने और मरीज की जान जोखिम में डालने का आरोप लगाया गया है। पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी है।
बार-बार बदलता रहा ठिकाना
जांच में यह भी सामने आया कि धनंजय प्रजापति मूल रूप से बहुआ कस्बे का रहने वाला है और लंबे समय से फर्जी तरीके से लोगों का इलाज करता आ रहा है। पहले वह बहुआ में पिता की देखरेख में काम करता था, लेकिन विवाद के चलते वहां से भाग गया। इसके बाद उसने गाजीपुर में क्लीनिक खोला, लेकिन वहां भी जांच और विरोध के चलते क्लीनिक बंद हो गया।
लगभग पिछले पांच वर्षों से वह झब्बापुर गांव में जागेश्वर धाम तिराहा के पास एक अवैध पॉलीक्लीनिक चला रहा था। ग्रामीणों के अनुसार, पहले भी उसके इलाज से कई मरीजों की हालत बिगड़ चुकी है, लेकिन पहली बार किसी की मौत के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा है।