Site icon Hindi Dynamite News

Watch Video: रोजाना वीडियो कॉल पर करती थी पिता से बात, आमना-सामना हुआ तो जानें क्यों चिल्ला पड़ी बेटी?

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शेरकोट से एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है। सऊदी अरब से ढाई साल बाद लौटे आमिर को उनकी छोटी बेटी ने असल में पहचानने से इनकार कर दिया। वीडियो कॉल पर रोज बात करने के बावजूद बच्ची ने उन्हें अजनबी समझा और डर गई।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
Published:
Watch Video: रोजाना वीडियो कॉल पर करती थी पिता से बात, आमना-सामना हुआ तो जानें क्यों चिल्ला पड़ी बेटी?

Bijnor: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के शेरकोट कस्बे से एक ऐसी भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हजारों प्रवासी कामगारों की ज़िंदगी और उनके परिवारों के बीच की दूरी को उजागर कर दिया है। सऊदी अरब से ढाई साल बाद अपने घर लौटे आमिर को उनकी अपनी बेटी ने पहचानने से इनकार कर दिया।

रोज वीडियो कॉल पर होती थी बात

आमिर अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सऊदी अरब में काम कर रहे थे। इस दौरान वे हर रोज़ अपनी बेटी से वीडियो कॉल पर बात किया करते थे। उन्हें पूरा विश्वास था कि जब वह वापस आएंगे, तो बेटी दौड़कर गले लग जाएगी। लेकिन जब आमिर सचमुच घर लौटे और बेटी के सामने खड़े हुए, तो नज़ारा कुछ और ही था।

पिता को देख चीख पड़ी बेटी

बच्ची ने पिता को सामने देखकर घबराहट में चीखना शुरू कर दिया और रोते हुए अपने चाचा की गोद में छिपकर बाहर चली गई। आमिर ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन बच्ची का डर कम नहीं हुआ। उसे लगा कि कोई अजनबी घर में आ गया है।

दूसरे कमरे से करना पड़ा वीडियो कॉल

स्थिति तब और अजीब हो गई जब आमिर ने अपने छोटे भाई के फोन से दूसरे कमरे से वीडियो कॉल किया। जैसे ही बच्ची ने वीडियो कॉल पर पिता को देखा, उसने तुरंत पहचान लिया और सामान्य रूप से बातचीत करने लगी। इस वाकये ने पूरे परिवार को भावुक कर दिया।

UP Crime: सड़क किनारे संदिग्ध हालत में युवक का शव मिलने से हड़कंप, जानें पूरी घटना

केवल डिजीटल न बन जाएं रिश्ते

यह घटना केवल एक परिवार की नहीं है, बल्कि उन हजारों-लाखों परिवारों की कहानी है जहां माता-पिता रोजगार की मजबूरी में अपने बच्चों से दूर रहते हैं। इस दूरी का असर न केवल भावनात्मक होता है, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास पर भी गहरा प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की परवरिश में शारीरिक उपस्थिति बेहद ज़रूरी होती है। केवल आभासी संवाद से बच्चे अपने माता-पिता से पूरी तरह से जुड़ाव महसूस नहीं कर पाते। आभासी दुनिया में जो रिश्ता बनता है, वह असली मुलाकात में अजनबीपन में बदल सकता है।

Dowry Case: कब थमेगा ये सिलसिला? रायबरेली में दहेज की मांग ने छीनी एक और ज़िंदगी

Exit mobile version