प्रशासन की सख्त कार्रवाई से ग्रामीणों में आक्रोश, प्रभावित परिवारों का धरना 14वें दिन भी जारी

भारत माला परियोजना से प्रभावित परिवारों का धरना 14वें दिन भी जारी, उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए खबर

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 29 June 2025, 7:07 PM IST
google-preferred

Chandauli: भारत माला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों का संघर्ष लगातार तेज होता जा रहा है। मुगलसराय के रेवसा गांव में चल रहा धरना प्रदर्शन आज 14वें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत चार गुना मुआवजा, पुनर्वास और आवासीय पट्टे की मांग कर रहे हैं। इस जन आंदोलन में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक धरना भाकपा के नेतृत्व में चल रहा है, जिसकी अगुवाई राज्य कमेटी सदस्य शशिकांत सिंह कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें न तो उचित मुआवजा मिला है और न ही विस्थापन से पहले पुनर्वास की कोई व्यवस्था की गई है। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि उन्हें सर्किल रेट या बाजार रेट में से अधिक दर पर चार गुना मुआवजा दिया जाए, साथ ही भूमिहीनों को गांव में ही आवासीय पट्टा दिया जाए और प्रभावित गरीब परिवारों का कर्ज माफ किया जाए।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई

धरने के बीच 11 जून को हालात उस वक्त तनावपूर्ण हो गए जब एसडीएम अनुपम मिश्रा पुलिस बल और बुलडोजर के साथ गांव पहुंचे और चार घरों को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से गांव में भय का माहौल बन गया, जिसके चलते कई ग्रामीणों ने स्वेच्छा से अपने घर गिरा दिए। इसी दौरान एक महिला नागेश्वर देवी की हृदय गति रुकने से मौत हो गई, जिससे ग्रामीणों में और आक्रोश फैल गया।

प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता

27 जून को प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता भी हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। एसडीएम ने धरना समाप्त करने का दबाव बनाया, जिसे ग्रामीणों ने सिरे से खारिज कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे धरना स्थल पर डटे रहेंगे।

ग्रामीणों ने निकाला मार्च

आज सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने मार्च निकाल कर अपनी एकता और संकल्प का प्रदर्शन किया। अब आगामी 2 जुलाई को धरना स्थल पर प्रतिरोध सभा आयोजित की जाएगी, जिसमें आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी।

बढ़ता जा रहा जन आक्रोश

ग्रामीणों का साफ कहना है कि अगर उनकी बातों को अनसुना किया गया तो वे यह संघर्ष जिले से लेकर राजधानी तक लेकर जाएंगे। फिलहाल, प्रशासन की तरफ से कोई ठोस समाधान नहीं दिया गया है, जिससे जन आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।

Location : 

Published :