

जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई। जिससे बड़ी संख्या में ग्रामीण और ग्राम प्रधान ने जमकर हंगामा काटा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
विद्यालय के विलय की सूचना पर भड़के ग्रामीण
कानपुर देहात: जिले के झींझक विकासखंड अंतर्गत नासरखेड़ा प्राथमिक विद्यालय को लेकर शनिवार को बड़ा बवाल खड़ा हो गया। विद्यालय को अन्य विद्यालय में मर्ज किए जाने की सूचना से नाराज ग्रामीणों और ग्राम प्रधान ने विद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि विद्यालय का विलय हुआ, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने मिलकर जताया विरोध
सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान महेन्द्र सिंह यादव के नेतृत्व में ग्रामीण बड़ी संख्या में नासरखेड़ा प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। कमलाबाग और नासरखेड़ा गांव के लोगों ने एकजुट होकर परिसर में हंगामा किया और विद्यालय को बंद न किए जाने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि यह विद्यालय दो गांवों के बच्चों की पढ़ाई का एकमात्र माध्यम है और इसके बंद होने से बच्चों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी।
विद्यालय विलय से बच्चों की शिक्षा पर संकट
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के मर्ज होने से छोटे-छोटे बच्चों को प्रतिदिन करीब 2 किलोमीटर पैदल दूसरे गांव जाना पड़ेगा। जो उनके लिए सर्दी, गर्मी और बरसात में बेहद कठिन होगा। विद्यालय में वर्तमान में 30 पंजीकृत छात्र हैं। जिनमें 16 छात्राएं और 14 छात्र हैं। शिक्षा के इस बुनियादी अधिकार को दूर करना सीधे तौर पर बच्चों के साथ अन्याय है।
ग्रामीणों ने सौंपा असहमति पत्र
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने एक हस्ताक्षरित असहमति पत्र भी तैयार किया, जिसे उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी झींझक शैलेश द्विवेदी को सौंपा। पत्र में उन्होंने विद्यालय के विलय का पुरजोर विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि अगर यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वे धरना-प्रदर्शन और आंदोलन शुरू करेंगे।
ग्रामीणों ने उठाया सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल
ग्रामीणों ने सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र और राज्य सरकारें ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को सुधारने और बढ़ावा देने की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर पहले से चल रहे विद्यालयों को बंद कर बच्चों को शिक्षा से दूर किया जा रहा है। उन्होंने 2004 में खुले इस स्कूल को बंद करना शिक्षा के खिलाफ बताया।
खंड शिक्षा अधिकारी ने दी सफाई
खंड शिक्षा अधिकारी झींझक शैलेश द्विवेदी ने बताया कि पूरे विकासखंड में ऐसे 108 प्राथमिक विद्यालय हैं जहां छात्रों की संख्या 40 से कम है। हालांकि अभी सभी को विलय का आदेश जारी नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि मामला संज्ञान में है और उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी।
हंगामे में शामिल प्रमुख ग्रामीण
प्रदर्शन के दौरान ग्राम प्रधान महेन्द्र सिंह यादव के अलावा विनोद संखवार, कन्हैया लाल, रोहित सिंह, अखिलेश कुमार, सोनी देवी, कुसमा देवी, बीनू देवी, संजय कुमार, ब्रजेश कुमार, सुमन देवी, पूनम देवी, प्रेमानंद, विशंभर, प्रिंस, सुमित कुमार और कई अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।