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स्पेशल टास्क फोर्स ने उत्तर प्रदेश में नशे के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। कोडीनयुक्त कफ सिरप और नॉरकोटिक दवाओं के अवैध निर्माण और तस्करी करने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई हुई है। ये दवाएं नशे के रूप में प्रयोग की जा रही थीं। एसटीएफ ने एक तस्कर को गिरफ्तार किया है।
कफ सिरप का भंडारण करने वाला तस्कर गिरफ्तार
Lucknow: यूपी एसटीएफ ने नशे के कारोबार के खिलाफ कड़ा एक्शन ले रही है। एसटीएफ ने फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त अन्य दवाओं को नशे के रूप में प्रयोग करने के लिए अवैध भंडारण और तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने तस्कर को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा पुत्र अशोक कुमार सिंह निवासी वरूणा इन्क्लेव, सिकरौल, थाना कैण्ट वाराणसी मूल निवासी ग्राम सीतूपुर पो० भोड़ा थाना सुरेरी जनपद जौनपुर के रूप में हुई है। एसटीएफ ने तस्कर से 2 मोबाइल फोन, 1 र्फाचुनर गाड़ी, 1 आधार कार्ड और 4500 रुपए नगद बरामद किए हैं। एसटीएफ ने तस्कर की गिरफ्तारी गुरुवार को ग्वारी चौराहा के निकट, थाना गोमती नगर, लखनऊ से की।
जानकारी के अनुसार एसटीएफ उत्तर प्रदेश को फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त अन्य दवाओं को नशे के रूप में प्रयोग करने, अवैध भंडारण और व्यापार करने की खबरे सामने आ रही थी। एसटीएफ को उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, झारखण्ड, असम, पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश भेजे जाने की सूचना प्राप्त हो रही थी।
जांच के दौरान भारी मात्रा में अवैध फेन्सेडिल कफ सिरप को बरामद कर थाना सुशान्त गोल्फ सिटी. कमिश्नरेट लखनऊ में मु०अ०सं०-182/2024 धारा 420/467/468/471/34/120बी/201 भा०द०वि० पंजीकृत कराया गया था।
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में मुकदमा उपरोक्त से सम्बन्धित प्रकाश में आये अभियुक्त अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को अभिसूचना के आधार पर ग्वारी चौराहा के निकट, थाना गोमती नगर, लखनऊ से पकड़ा गया तथा पूछताछ के लिए एसटीएफ मुख्यालय लाया गया।
अभियुक्त अमित कुमार ने पूछताछ में बताया कि ग्राम नरवे आजमगढ़ के निवासी विकास सिंह के माध्यम से उसका परिचय शुभम जायसवाल पुत्र भोला प्रसाद निवासी कायस्थ टोला प्रहलाद घाट वाराणसी से हुआ था। विकास सिंह ने बताया था कि शुभम जायसवाल का एबॉट कंपनी की फेन्सेडिल कफ सिरप का शैली ट्रेडर्स के नाम से बड़ा कारोबार रांची, झारखंड में है।
उसने बताया कि कोडीन युक्त फेन्सेडिल कफ सिरप नशे के रूप में प्रयोग होता है, जिसकी काफी डिमांड पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में है। इसकी तस्करी में बहुत फायदा है। अगर उसके धंधे में कुछ पैसे लगाओगे तो काफी आमदनी होगी। इस पर लालच में आकर वह तैयार हो गया। उन दोनों ने विकास सिंह के माध्यम से शुभम जायसवाल व उसके अन्य पार्टनरों के साथ बातचीत की और उन लोगों ने धनबाद में मेरा देवकृपा मेडिकल एजेंसी के नाम से जनवरी 2024 में फर्म बनवा दी। फर्म का सारा लेनदेन शुभम जायसवाल और उसके पार्टनर तथा उसका सी०ए० देखता था।
धनबाद के बिजनेस में उसने 5 लाख रूपये लगाया। मुझको इन लोगों ने लगभग 20-22 लाख रुपए दिए। मैं धनबाद 2-3 बार ही गया हूं। इसके बाद इन लोगों के कहने पर मेरे नाम से बनारस में भी ड्रग लाइसेंस लेकर फर्म खुलवाई। मेरे नाम से श्री मेडिकल के नाम से फर्म खुलवाई। इसका भी सारा लेन-देन शुभम जायसवाल व उसके साथी देखते थे। बनारस की फर्म में भी लगभग 8 लाख रुपए का लाभ अलग-अलग समय पर शुभम ने दिया था। सारे रुपये नकद मिलते थे जिन्हें वह अपनी पत्नी साक्षी सिंह के बैंक अकाउंट में डाल देता था।
शुभम जायसवाल एवं उसके पार्टनरों ने एबॉट कंपनी के अधिकारियों से मिलकर 100 करोड़ से अधिक का कफ सीरप खरीदा था, जिसमें ज्यादातर सिरप फर्जी खरीद-बिक्री बिल, ई-वे बिल बनाकर तस्करी कर बेच दिया गया है। रांची, गाजियाबाद में पुलिस एवं एसटीएफ टीम द्वारा इसके गैंग के सौरभ त्यागी, विभोर राणा आदि को गिरफ्तार कर लेने के कारण शुभम जायसवाल अपने परिवार एवं पार्टनर वरुण सिंह, गौरव जायसवाल के साथ दुबई भाग गया है।
शुभम जायसवाल फेसटाइम ऍप के माध्यम से बात करता हैं। शुभम जायसवाल व उसके पार्टनर द्वारा हम लोगों के अलावा अन्य काफी लोगों के नाम से भी इसी प्रकार फर्जी फर्म बनवाकर फेन्सेडिल कफ सीरप के कूटरचित बिल और ई-वे बिल तैयार कर फर्जी खरीद बिक्री दिखाकर उसको तस्करों के हाथ बेचकर भारी मुनाफा कमाते हैं इसमें एबॉट कंपनी के अधिकारी भी संलिप्त हैं।
अभियुक्त के खिलाफ थाना सारनाथ, थाना कैंट जनपद वाराणसी में आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज है।
पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ संबंधित धाराओं में 182/2024 धारा 420, 467, 468, 471, 34, 120बी, 201 भा०द०वि० में थाना सुशान्त गोल्फ सिटी, कमिश्नरेट लखनऊ में मामला दर्ज किया। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है।