लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने फर्जी अधिकारी बन साइबर ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को मीरारोड थाणे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है।
गिरोह के सदस्य पुलिस, नारकोटिक्स, क्राईमब्रांच अधिकारी बनकर डिजिटल ठगी करते थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान मुहम्मद इकबाल बालासाहेब (47) पुत्र इकवाल चिन्नू बालासाहेब निवासी बी विंग 606 इराइजा विल्डिंग नियर थाना मीरा रोड जिला थाणे महाराष्ट्र, शाइन इकबाल बालासाहेब (42) पुत्र इकवाल चिन्नू बालासाहेब निवासी बी विंग 605 इराइजा विल्डिंग नियर थाना मीरा रोड जिला थाणे महाराष्ट्र के रूप में हुई है।
दोनों आरोपियों ने बीकाम पास किया है।
एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से 3 मोबाइल फोन, 2 लैपटाप, 7 पेनड्राइव, 3 हार्ड डिस्क. 6 एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड, 2 माऊस, 1 लैपटाप चार्जर और 450 रुपए नकद बरामद किये हैं।
एसटीएफ ने आरोपियों की गिरफ्तारी गुरुवार शाम बी विंग फ्लैट न० 605 के सामने इराइजा विल्डिंग नियर थाना मीरा रोड जिला थाणे महाराष्ट्र से की है।
एसटीएफ उ०प्र० की टीम को साइबर क्राइम की रोकथाम और साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देशित किया गया था। इसी कार्य में टीम क्षेत्र में सक्रिय थी।
मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ उ०प्र० ने गुरुवार इराइजा सोसाइटी बी विंग के छठे तल के फ्लैट न० 606 के सामने कनकिया रोड निकट थाना मीरारोड, जनपद थाणे महाराष्ट्र से अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद इकबाल बालासाहेब ने पूछताछ में बताया कि उसने वर्ष 1998 में मुम्बई युनिवर्सिटी से बीकाम किया। वर्ष 2000 में कुवैत गया जहां उसके माता पिता रहते थे। कुवैत में वह ट्रेडिंग कम्पनी में सेल्स मैन के पद पर नौकरी करता था। कुवैत से वह 2008 में भारत वापस आया।
उसने वर्ष 2009 में स्वीफ्ट आईटी रिसोर्स प्रा०लि० व इपोच आउट सोर्सिंग सर्विसेज प्रा०लि० नाम से कम्पनी बनायी जो 2012 में बंद हो गयी।
वर्ष 2012 में अपने भाई शाइन, नदीम व मां नसरीन के साथ मिलकर मैक आउट सोर्सिंग सैल्युशप प्रा०लि० कम्पनी बनायी जिसमें आनलाइन इक्जाम के लिए कम्प्युटर लैब उपलब्ध कराते थे। यह कम्पनी वर्ष 2019 में बंद हो गयी।
उसने बताया कि दोनों भाइयों ने माह नवम्बर 2024 में एमआईबी कम्प्युटर्स एलएलपी नाम से कम्पनी बनवायी जिसको एफ 201 सेकेंड फ्लोर एम बाले हाउस धरती काम्पलेक्श मीरारोड ईस्ट थाणे महाराष्ट्र के पते पर रजिस्टर्ड कराया।
इसके बाद मैने यश बैंक में माह फरवरी 2025 में कार्पोरेट बैंक खाते के लिए एप्लाइ किया पर पता वेरीफाई न होने के कारण यश बैंक में खाता नहीं खुल पाया क्योंकि उपरोक्त पते पर शक्तिलोक नाम से अस्पताल चल रहा है जो मेरी मां की ही प्रापर्टी है।
इसके बाद उसने आरबीएल बैंक कांदेवाली में अपनी कम्पनी के नाम से कार्परिट एकाउंट खुलवाया।
आरिफ व फरीद ने बताया कि इस बैंक खाते में हम लोग अपने गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से लोगों से Cyber Fraud कर रूपया मंगायेंगे जिसमें से आपको हम 10 प्रतिशत कमीशन देंगें। दिनांक 08 अप्रैल 2025 को मेरी कम्पनी के बैंक खाते में लगभग 1 करोड 40 लाख रूपये डिजिटल अरेस्ट / शेयर ट्रेडिंग Cyber Fraud के माध्यम से आये।
उपरोक्त रूपयों को गिरोह के सदस्यों ने विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर, किप्टो व कैश में कनवर्ट कर लिया। हमारे गिरोह द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के लोगों से Cyber Fraud कर अवैध तरीके से धनार्जन किया गया है।
गैंग के सदस्यों द्वारा एक दूसरे से सम्पर्क अधिकतर Social Media के माध्यम से किया जाता था। पुलिस को गुमराह करने के लिए मेरे द्वारा खुद ही साइबर काइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपना बैंक खाता व ईमेल आईडी हैक होने की रिपोर्ट लगभग 20 दिन बाद दर्ज करायी गयी थी।
मोहम्बद इकबाल बालासाहेब ने बताया कि मैं भी बेरोजगार हो गया था अपने भाई के कहने पर रूपये कमाने के लालच में आकर अवैध तरीके से Cyber Fraud कर धन वसूली के काम में संलिप्त हो गया।
पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट की जानकारी, परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ लखनऊ में संबंधित धाराओं में 60/2025 धारा 318 (4), 319(2) 351(4), 308(2). 308(3), 308(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2) मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपी को मीरारोड न्यायालय महाराष्ट्र से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त कर लखनऊ लायी है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है