

उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों को लेकर एक नई नीति लागू की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने लागू की नई तबादला नीति
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों को लेकर एक नई नीति लागू की है, जिसे योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। इस नई नीति का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना और अधिकारियों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित करना है। नीति के अनुसार, सभी तबादले 15 जून 2025 तक पूरी कर लिए जाएंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नई तबादला नीति के तहत, उन जिलों में जहां 23 वर्ष पूरे हो चुके हैं, ग्रुप 'ए' और 'बी' के अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, सात साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों को दूसरे मंडल में भेजा जाएगा। मंडलीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों का भी तीन साल के भीतर तबादला अनिवार्य होगा। नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ग्रुप 'ए' और 'बी' के अधिकारियों का अधिकतम 20% तक तबादला किया जाएगा, जबकि ग्रुप 'सी' और 'पी' के कर्मचारियों का 10% तक तबादला होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, समूह 'ग' के कर्मचारियों के तबादले के लिए 13 मई 2022 के शासनादेश का अनुपालन अनिवार्य होगा। इसके तहत, समूह 'ख' और 'ग' के कर्मचारियों का तबादला ऑनलाइन मेरिट आधारित प्रणाली से किया जाएगा। इसके अलावा, दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों के लिए ऐसे स्थानों पर तैनाती सुनिश्चित की जाएगी, जहां उन्हें चिकित्सा और देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध हों।
सरकार ने 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकास खंडों में अधिकारियों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही, समूह 'क' और 'ख' के अधिकारियों का तबादला विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। इस नई तबादला नीति से उत्तर प्रदेश के सरकारी प्रशासन को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है, ताकि राज्य के विकास कार्यों को गति मिल सके और अधिकारियों का कार्यक्षेत्र संतुलित रहे। बता दें कि, आज ही थोड़ी देर पहले यूपी में तबादला एक्सप्रेस चली थी। जिनमे कई अधिकारियों का तबादला हुआ था। साथ ही अपने जिले की हर छोटी बड़ी खबरों से जुड़े रहने के लिए डाइनामाइट न्यूज़ चैनल को जरूर फॉलो करें।