

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात 228 पुलिसकर्मियों को सरकार ने बड़ा तोहफा मिला है। इन पुलिसकर्मियों को दरोगा पद पर पदोन्नति मिली है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
यूपी में 228 पुलिसकर्मियों की खुली किस्मत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग (Uttar Pradesh Police Department) में कार्यरत कई मुख्य आरक्षियों को बड़ा तोहफा मिला है। राज्य में कुल 228 दीवान (मुख्य आरक्षी) को दारोगा पद पर पदोन्नति दी गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक (Uttar Pradesh Sub Inspector) और निरीक्षक (Inspector) (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली-2015 (संशेधित) के तहत इन पुलिसकर्मियों को प्रोन्नति दी गई है।
UP Police Daroga
पदोन्नति पाने वाले समस्त पुलिसकर्मियों (All police personnel) को अपने नियुक्ति स्थान यानि जनपद/इकाई /शाखा के मुख्यालय पर कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया है। इस पदोन्नति को सेवानियमावली के प्राविधानों के अनुसार आगे बढ़ाया जा सकता है।
पदोन्नति पाने वाले पुलिस कर्मियों को कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है।
देखिये सूची
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ की प्राधिकृत विभागीय चयन समिति द्वारा राज्य में कुल 228 पुलिस कर्मियों को दरोगा पद पर पदोन्नति के उपयुक्त पाया गया।
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पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के अनुमोदन के बाद पदोन्नति पाने वाले पुलिस कर्मियों को उनके वर्तमान नियुक्ति स्थान पर ही उप निरीक्षक नागरिक पुलिस के पद पर पदोन्नति प्रदान करने के साथ ही कार्यभार ग्रहण करने के आदेश जारी किये गये हैं।
अधिसूचना के अनुसार, मुख्य आरक्षी (सिविल पुलिस) पद पर पदोन्नति पाने वाले पुलिसकर्मियों को पहले आवश्यक आधारभूत प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से पूर्ण करना होगा।
बिना प्रशिक्षण के पदोन्नति आदेश को लागू नहीं किया जाएगा।
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि जो पुलिसकर्मी अभी तक मुख्य आरक्षी के लिए आवश्यक बेसिक ट्रेनिंग पास नहीं कर पाए हैं, उनका प्रमोशन फिलहाल प्रभावी नहीं माना जाएगा।
ऐसे सभी कर्मियों को पहले प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा, और उसके पश्चात ही उनके प्रमोशन आदेशों को क्रियान्वित किया जाएगा।
पुलिस विभाग का कहना है कि यह निर्णय कार्यकुशलता व अनुशासन को बनाए रखने के लिए लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पदोन्नत कर्मी अपने नये दायित्वों को बेहतर तरीके से निभा सकें। विभाग ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रशिक्षण प्राप्ति की पुष्टि के बाद ही पदोन्नति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाए।
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