Sonbhadra: जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के परसौना गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब चार दिन से लापता चार वर्षीय मासूम बच्चे का शव बुधवार एक तालाब में उतराया मिला। परिवार और ग्रामीणों ने शव की पहचान होते ही चीख-पुकार मचा दी। मासूम की मौत ने पूरे गांव को दहला दिया है, जबकि परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए इसे जमीनी विवाद से जोड़कर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है।
तीन दिन से लापता था मासूम
जानकारी के मुताबिक, परसौना गांव निवासी चार वर्षीय बालक बीते शनिवार दोपहर अपने घर के पास खेलते हुए अचानक लापता हो गया था। परिवारजन ने आसपास के इलाकों में उसकी खूब तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। थक-हारकर बालक के दादा ने सोमवार को घोरावल कोतवाली में जाकर उसके लापता होने की सूचना दी थी। पुलिस की तलाश जारी ही थी कि बुधवार सुबह गांव के बाहर स्थित तालाब में ग्रामीणों ने एक शव उतराया देखा। सूचना मिलते ही परिवारजन मौके पर पहुंचे और शव की पहचान लापता बच्चे के रूप में की गई।
Sonbhadra News: तीन साल की मासूम के साथ घिनौना कांड, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
हत्या की आशंका
परिजनों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों से चल रहे जमीनी विवाद के चलते उनके बच्चे की हत्या की गई है और शव को तालाब में फेंक दिया गया। घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। परिजनों ने दोषियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है।
अपर पुलिस अधीक्षक ने किया निरीक्षण
सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिजनों से आवश्यक जानकारी ली। एएसपी ने कहा कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा। पुलिस ने कहा कि प्रथम दृष्टया कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है, लेकिन परिजनों के आरोपों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
सोनभद्र में बढ़ते अपराधों पर उठे सवाल
सोनभद्र जनपद में यह कोई पहली घटना नहीं है जब मासूम या आम नागरिक अपराध का शिकार हुआ हो। बीते कुछ महीनों में जिले में हत्या, चोरी, जमीन विवाद और बाल अपराध के मामले लगातार बढ़े हैं। हर दिन किसी न किसी थाने क्षेत्र से अपराध की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे आम जनता में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक सख्ती और प्रभावी कानून-व्यवस्था की कमी के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
जिले में आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं से यह सवाल उठता है कि आखिर कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार और प्रशासन क्या ठोस कदम उठा रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में पुलिस की गश्त और सतर्कता की स्थिति बेहद कमजोर बताई जाती है। परसौना गांव की यह दुखद घटना भी इसी लापरवाही की एक मिसाल बन गई है, जहां एक मासूम की जान चली गई और परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है।
सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी पर उठे सवाल
राज्य सरकार अपराध नियंत्रण के लिए लगातार सख्ती के दावे करती रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर तस्वीर कुछ और ही दिखाई देती है। सोनभद्र जैसे सीमावर्ती जिले में अपराधियों के नेटवर्क पर अंकुश लगाने के लिए अभी तक ठोस नीति नहीं बन पाई है। छोटे-छोटे विवाद भी हत्या और हिंसा में बदल रहे हैं। आम नागरिकों का कहना है कि जब तक स्थानीय स्तर पर पुलिस की जवाबदेही तय नहीं की जाएगी, तब तक इस तरह की घटनाओं में कमी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुटी हुई है। लेकिन गांव में अभी भी आक्रोश और भय का माहौल है। लोग चाहते हैं कि इस मामले की पारदर्शी जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।

