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“मेरा रेशम, मेरा अभिमान” अभियान के तहत एरी रेशमकीट पालन पर हुआ प्रशिक्षण, 84 किसानों ने लिया हिस्सा

मेरा रेशम, मेरा अभिमान" अभियान के तहत एरी क्षेत्रीय विस्तार केंद्र (REC), फतेहपुर और राज्य रेशम विभाग द्वारा विजयीपुर ब्लॉक के इटोलिपुर गांव में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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“मेरा रेशम, मेरा अभिमान” अभियान के तहत एरी रेशमकीट पालन पर हुआ प्रशिक्षण, 84 किसानों ने लिया हिस्सा

फतेहपुर: “मेरा रेशम, मेरा अभिमान” अभियान के तहत एरी क्षेत्रीय विस्तार केंद्र (REC), फतेहपुर और राज्य रेशम विभाग द्वारा विजयीपुर ब्लॉक के इटोलिपुर गांव में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम केंद्रीय रेशम बोर्ड–लाहदोईगढ़, जोरहाट के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण किसानों को एरी रेशमकीट पालन की आधुनिक तकनीकों से प्रशिक्षित करना और उन्हें इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना था।

स्थानीय प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग…

प्रशिक्षण में कुल 84 एरी कृषकों और स्थानीय प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। तकनीकी सत्रों का संचालन डॉ. डी. के. जिज्ञासु (वैज्ञानिक-डी),  एस. पी. निगम (एसडीओ), वी. के. सक्सेना (एसटीए, ईआरसीई फतेहपुर) और राम जीवन (फील्ड असिस्टेंट) द्वारा किया गया। इन विशेषज्ञों ने चॉकी एवं परवर्ती अवस्था के कीट पालन, स्वच्छता के उपाय, कीटाणुनाशकों के सही उपयोग, प्लेटफॉर्म पालन तकनीक, तथा अरण्डी पत्तियों की व्यावहारिक तोड़ाई कटाई से जुड़ी जानकारियाँ साझा कीं।

रेशमकीट पालन की तकनीकों से अवगत…

प्रशिक्षण की विशेष बात यह रही कि किसानों को न केवल थ्योरी बल्कि प्रैक्टिकल डेमो के जरिए भी रेशमकीट पालन की तकनीकों से अवगत कराया गया। चूने की धूल का प्रयोग और बीज उत्पादन से जुड़ी गतिविधियां किसानों के लिए विशेष रुचिकर रहीं।

किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण…

गौरतलब है कि “मेरा रेशम, मेरा अभिमान” अभियान पूरे देश के 120 जिलों में संचालित हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के छह जिले शामिल हैं। एरी रेशम प्रसार के लिए फतेहपुर को इस अभियान के अंतर्गत विशेष जिला घोषित किया गया है। प्रदेश में कानपुर नगर और देहात क्षेत्र एरी उत्पादन में 38.89% तक योगदान दे रहे हैं, जबकि फतेहपुर, चित्रकूट और जालौन जैसे जिलों में उत्पादन को बढ़ाने की संभावनाएं काफी मजबूत हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

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