

गोरखपुर विकास प्राधिकरण में लंबित प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में तेजी लाई जाएगी। सचिव पुष्पराज सिंह ने लापरवाह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। यहां पढ़ें पूरी खबर
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (सोर्स- गूगल)
Gorakhpur: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में अब प्रार्थना पत्रों की अनदेखी नहीं चलेगी। जीडीए सचिव पुष्पराज सिंह ने चेतावनी दी है कि एक साल से अधिक समय से लंबित मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मोतीराम अड्डा में 7 एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग पर तत्काल रोक लगाने का आदेश देकर जीडीए सचिव ने साफ कर दिया है कि गोरखपुर में अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार की गठजोड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अफसरों की धीमी कार्यशैली पर सख्ती
मंगलवार को मोतीराम अड्डा निवासी अजय कुमार सिंह ने जीडीए सचिव कार्यालय में पहुंचकर शिकायत की कि नवंबर 2024 में दी गई उनकी शिकायत पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत में बताया गया कि क्षेत्र में 7 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध प्लाटिंग और निर्माण कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। मौके पर भेजे गए तत्कालीन जेई ने कथित तौर पर कहा था कि पहले और निर्माण होने दो, फिर ध्वस्तीकरण कर देंगे। 9 महीनों में वहां बड़े पैमाने पर निर्माण हो चुका, लेकिन कार्रवाई अब तक ठंडे बस्ते में पड़ी रही। गौरतलब है कि जितना अधिक निर्माण, उतना अधिक 'व्यवस्था', यह फार्मूला अफसरों पर सवाल खड़े कर रहा है।
सचिव की फास्ट ट्रैक कार्यशैली
जीडीए सचिव पुष्पराज सिंह ने शिकायत मिलते ही तत्काल मामले की जांच के लिए जीडीए उपाध्यक्ष के ओएसडी प्रखर उत्तम को भेजा और अवैध प्लाटिंग को तत्काल प्रभाव से रुकवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीडीए में प्रार्थना पत्रों का निस्तारण प्राथमिकता पर होगा ताकि फरियादियों को बार-बार कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें।
अब हर लंबित प्रार्थना पत्र की होगी समीक्षा
जीडीए सचिव ने आदेश दिया कि बीते एक साल में आए सभी प्रार्थना पत्रों की स्थिति बैठक में रखी जाए और यह बताया जाए कि किस पत्र का निस्तारण क्यों नहीं हुआ। साथ ही जिन अफसरों की लापरवाही से फरियादियों के पत्र लंबित पड़े हैं, उनकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
फरियादियों में जागी उम्मीद
जीडीए सचिव पुष्पराज सिंह की सक्रियता से फरियादियों में उम्मीद जगी है कि अब विकास प्राधिकरण में उनकी समस्याओं को भी प्राथमिकता से सुना और निस्तारित किया जाएगा। साथ ही, मोतीराम अड्डा समेत शहर में अवैध प्लाटिंग और निर्माण पर रोक लगाकर शहर के मास्टर प्लान की रक्षा की जाएगी।