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भगीरथपुर स्टेशन तक अधूरी सड़क बनी संकट, अनशन पर बैठे ग्रामीण, ये रहीं प्रमुख मांगे

भगीरथपुर रेलवे स्टेशन तक अधूरी सड़क ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसे लेकर नाराज ग्रामीणों ने अनशन किया, जिसे रेलवे के आश्वासन पर स्थगित किया गया।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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भगीरथपुर स्टेशन तक अधूरी सड़क बनी संकट, अनशन पर बैठे ग्रामीण, ये रहीं प्रमुख मांगे

Maharajganj: गोरखपुर-नौतनवा रेल खंड पर स्थित भगीरथपुर रेलवे स्टेशन तक बनाई जा रही 1200 मीटर लंबी सड़क अधूरी छोड़ दी गई है। अंतिम 150 मीटर सड़क न बनने के कारण यह मार्ग मुख्य पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाया, जिससे यह जनता के लिए फिलहाल किसी काम की नहीं रह गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इससे नाराज ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और किसान नेता एवं अधिवक्ता नागेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में क्रमिक अनशन की शुरुआत की गई।

महाप्रबंधक को भेजा पत्र 

इस दौरान, स्थानीय निवासी प्रेम सागर यादव ने इस विषय को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के महाप्रबंधक को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि जब तक यह सड़क भगीरथपुर-चैनपुर मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ती तब तक इसका कोई व्यावहारिक लाभ नहीं है और यह विकास केवल कागज़ी रह जाएगा। रेलवे द्वारा स्टेशन क्षेत्र के दोनों छोर पर बैरीकेडिंग कर दी गई है, जिससे यात्रियों के लिए टिकट घर तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। रेलवे ने पहले ढाला संख्या 28C से सड़क को जोड़ने का आश्वासन दिया था लेकिन वह कार्य भी अधूरा ही छोड़ दिया गया।

कार्य पूरा होने तक जारी रहेगा आंदोलन

वहीं इस मुद्दे को लेकर आज किसान नेता नागेंद्र शुक्ला ने भगीरथपुर स्टेशन पर क्रमिक अनशन शुरू किया। उन्होंने कहा यह सिर्फ 150 मीटर सड़क नहीं है, बल्कि यह हज़ारों ग्रामीणों की ज़िंदगी की राह है। स्कूली बच्चे, बुज़ुर्ग, महिलाएं और यात्री रोज़ाना परेशान हो रहे हैं। हमने बार-बार अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक यह कार्य पूरा नहीं होता।

बता दें कि अनशन स्थल पर करीब सेकड़ो से अधिक लोग मौजूद रहे। इनमें बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल थे। रेलवे पुलिस बल और कोल्हुई थाने के उपनिरीक्षक के नेतृत्व में सुरक्षा बल तैनात रहा। मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि वे इस विषय को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगे और शीघ्र समाधान की दिशा में कार्य किया जाएगा।

आश्वासन के बाद अनशन समाप्त

अधिकारियों के आश्वासन के बाद नागेंद्र शुक्ला ने अनशन फिलहाल समाप्त करने की घोषणा की लेकिन चेतावनी दी कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं होती है तो आंदोलन फिर तेज किया जाएगा। स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की कि केवल 150 मीटर की सड़क और बन जाने से चैनपुर, सेमरहिया, भुकुड़वा, पकड़डीहा और महदेवा जैसे गांवों के हज़ारों लोग लाभान्वित होंगे। इससे यात्रियों को राहत मिलने के साथ रेलवे को भी राजस्व में बढ़ोत्तरी का लाभ मिलेगा।

दूसरी तरफ, इस क्रमिक अनशन खत्म करते हुए किसान नेता नागेंद्र शुक्ला ने कहा अगर मांगे पूरी नहीं हुईं तो मैं अपने अनशन को आत्मदाह तक ले जाने को तैयार हूँ। जनता की सेवा के लिए मैं हर कदम उठाऊंगा। वहीं भागीरथपुर कॉलेज के प्रभन्धक संजीव राय ने कहा की रेलवे के द्वारा इस 150 सड़क बन जाने से किसान, छात्र, प्रशाशनिक लोगों समेत हजारों लोगों को आवागमन की सुविधा मे लाभ मिलेगा।

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