

जनपद में वन विभाग और पुलिस की मिली भगत से ठेकेदारों द्वारा हरे भरे पेड़ों का कटान जोरो पर है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बाराबंकी में वन माफिया का आतंक
बाराबंकी: जनपद में वन विभाग और पुलिस की मिली भगत से ठेकेदारों द्वारा हरे भरे पेड़ों का कटान जोरो पर है। वन माफिया दिन रात जंगलों को साफ कर रहे हैं। और वन विभाग, पुलिस विभाग हाथ पैर हाथ भर बैठा है। क्योंकि इन्हीं की मिली भगत से वन माफिया बेखौफ है और वन माफिया चोरी छुपे बेशकीमती पेड़ों को दिन-रात काट रहे हैं।
मौके पर अब भी पेड़ का ठूंठ मौजूद है, जो घटना का मौन साक्षी बना हुआ है।मौके पर बगल में एक और काटा गया शीशम का पेड़ दिखाई दिया, जिसका ठूंठ आज भी जमीन में मौजूद है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पेड़ की मोटी डालियों को वाहन के ज़रिए ले जाया गया, लेकिन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में लकड़ी माफिया सक्रिय हैं और विभाग की लापरवाही का खुला लाभ उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि हाईवे किनारे लगे इन बेशकीमती पेड़ों की कीमत हजारों में होती है। घटना के बावजूद वन विभाग और कोतवाली रामसनेही घाट की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। क्षेत्र में लकड़ी माफिया की बढ़ती सक्रियता ने विभाग की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
वन क्षेत्राधिकारी रामसनेही घाट विशाल गुप्ता ने बयान दिया है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि वन विभाग की कार्रवाई वास्तव में कितनी प्रभावी होती है और क्या इससे लकड़ी माफिया पर अंकुश लग पाएगा, या फिर यह महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी। एक ओर जहां पेड़ लगाओ जीवन बचाओ के नारे लगाए जाते हैं तो वही दूसरी ओर कुछ जगहों पर पेड़ों की कटाई की जा रही है।