

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में संगीत विभाग की एक छात्रा ने चिलचिलाती धूप में विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना शुरू कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
धरने पर बैठी छात्रा
गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर जिले में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब संगीत विभाग की एक छात्रा ने चिलचिलाती धूप में विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना शुरू कर दिया। छात्रा ने संगीत विभाग में वाद्य यंत्रों की कमी और विश्वविद्यालय प्रशासन की अनियमितताओं के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।.
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रा के धरना देने का वीडियो भी सामने आया है।
लंबे समय से वाद्य यंत्रों की कमी
जानकारी के अनुसार, संगीत विभाग में लंबे समय से वाद्य यंत्रों की कमी और अन्य संसाधनों का अभाव छात्रों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इससे नाराज होकर छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन का रास्ता चुना। मुख्य गेट पर धरने की खबर फैलते ही छात्रों और कर्मचारियों की भीड़ जमा हो गई। विश्वविद्यालय प्रशासन को जैसे ही इसकी सूचना मिली, आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और छात्रा से बातचीत की। प्रशासन ने उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाया।
पहले बार नहीं हुई ऐसी घटना
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब विश्वविद्यालय में कमियों को लेकर छात्रों ने आंदोलन किया हो। इससे पहले भी कई बार छात्र विभिन्न समस्याओं को लेकर लामबंद हो चुके हैं। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। इस घटना ने एक बार फिर विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
उड़ाई जा रही नियमों की धज्जियां
गौरतलब है कि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हाल ही में एक अमेरिकी नागरिक के दो कोर्स में एक साथ दाखिले का मामला सामने आने के बाद अब एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, एक छात्र, विशेष पांडेय, ने सत्र 2023-24 में LLB और सत्र 2024-25 में MAJMC में एक साथ दाखिला ले रखा है। वह दोनों रेगुलर कोर्स की परीक्षाओं में बिना किसी रोक-टोक के शामिल हो रहा है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन इसकी अनदेखी कर रहा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया और यूजीसी के नियमों के अनुसार, LLB में दाखिला लेने के बाद किसी अन्य रेगुलर कोर्स में प्रवेश लेना वर्जित है। नियम तोड़ने पर लॉ की डिग्री रद्द हो सकती है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय में जुगाड़ के दम पर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।