Student Protest in Prayagraj: शिक्षक बनने की आस लिए छात्र बैठे सड़कों पर, बोले- अब सिर्फ आश्वासन नहीं चाहिए

प्रयागराज में बेसिक शिक्षा में नई शिक्षक भर्ती की मांग पर डीएलएड व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने नोटिफिकेशन जारी होने तक धरना करने का ऐलान किया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 29 May 2025, 12:51 PM IST
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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में वर्षों से लंबित नई शिक्षक भर्ती को लेकर प्रशिक्षित बेरोजगारों का आक्रोश अब सड़कों पर नजर आने लगा है। प्रयागराज में डीएलएड प्रशिक्षित व टीईटी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं ने शिक्षा सेवा चयन आयोग कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। यह प्रदर्शन अब धीरे-धीरे उग्र रूप लेता जा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बुधवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर नारेबाजी की और मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया। प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने कहा कि जब तक नई भर्ती प्रक्रिया की आधिकारिक अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी नहीं की जाती, तब तक धरना जारी रहेगा।

सात साल से नहीं हुई कोई नई भर्ती

प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि पिछले सात वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में कोई नई शिक्षक भर्ती नहीं निकाली गई है, जिससे प्रदेश के लाखों प्रशिक्षित अभ्यर्थी बेरोजगार हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि विभाग में करीब 1 लाख से अधिक पद खाली हैं, लेकिन सरकार और विभाग लगातार अनदेखी कर रहे हैं।

पूरे देश में 14 लाख से अधिक डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार

प्रदर्शनकारियों के अनुसार, देशभर में लगभग 14 लाख डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी बेरोजगारी का शिकार हैं। इनमें बड़ी संख्या उत्तर प्रदेश की है, जहां भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है। प्रदर्शन कर रही एक छात्रा ने भावुक होकर कहा, हमने वर्षों की मेहनत की, प्रशिक्षण लिया, परीक्षा पास की, लेकिन अब हमें रोजगार की बजाय सड़कों पर धरना देना पड़ रहा है।

शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव से मुलाकात

शाम को प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव शिव मालवीय से मुलाकात की। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याएं सुनीं और 15 दिन के भीतर समाधान पर विचार करने का आश्वासन दिया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया कि अब उन्हें सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस और समयबद्ध कार्रवाई चाहिए।

रात भर धरने पर बैठने का निर्णय

बेरोजगार छात्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे रात भर धरने पर बैठे रहेंगे और संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार लिखित रूप में भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा नहीं करती। छात्र-छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारें सिर्फ चुनाव के वक्त रोजगार देने की बात करती हैं, लेकिन बाद में वादों को भूल जाती हैं।

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