

सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क की तरफ से पूर्व अपर महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, विनीत विक्रम और इकबाल अहमद ने पक्ष रखा। जबकि राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। याचिका में संभल हिंसा के मामले में दाखिल चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा दी और सरकार को नोटिस जारी किया।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क
Prayagraj: उत्तर प्रदेश के संभल सीट से सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से बड़ी राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। कोर्ट की निचली अदालत की बात करें तो अग्रिम कार्यवाही में रोक लगाने के साथ राज्य सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा जा चुका है। मामले की बात करें तो अगली सुनवाई 9 सितंबर को होने वाली है। हाईकोर्ट की तरफ से पुलिस की चार्जशीट पर रोक लगाई गई है जिसमें संभल सांसद का जिक्र हुआ है।
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क की तरफ से पूर्व अपर महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, विनीत विक्रम और इकबाल अहमद ने पक्ष रखा। जबकि राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा। याचिका में संभल हिंसा के मामले में दाखिल चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क को लेकर देखा जाए तो पूर्व अपर महाधिवक्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह, विनीत विक्रम और इकबाल अहमद द्वारा पक्ष रखा जा चुका है। जबकि दूसरी तरफ देखा जाए तो राज्य सरकार की ओर से देखा जाए तो अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने पक्ष रखा गया था। याचिका में संभल हिंसा के मामले को लेकर दाखिल चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती मिलने वाली है।
बता दें संभल में देखा जाए तो पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान होने वाली हिंसा मामले में एसआईटी ने इस वर्ष जून में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया था। इस चार्जशीट की बात करें तो सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और जामा मस्जिद के सदर जफर अली के अलावा 23 को आरोपी बनाया जा चुका है।
संभल में पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में एसआईटी ने इस वर्ष जून में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और जामा मस्जिद के सदर जफर अली समेत कुल 23 को आरोपी बनाया गया था।
सांसद बर्क ने याचिका में 12 जून को दाखिल चार्जशीट और 18 जून को संभल के स्पेशल जज (एमपी/एमएलए) के संज्ञान आदेश सहित पूरी कार्यवाही रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी अपील की थी कि याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा दी और सरकार को नोटिस जारी किया।