

गुरुवार को हापुड़ की सड़कों पर एक अनोखी चीज देखने को मिली। जिले के दो मालिक अपनी लग्जरी और लाल बत्ती को गाड़ियों को छोड़कर ई-रिक्शा में घूमते हुए नजर आए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
ई-रिक्शा में घूम रहे एसपी और डीएम
हापुड़: आगामी महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए हापुड़ प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में गुरुवार को जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) ने नगर क्षेत्र का ई-रिक्शा से निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यह निरीक्षण छपकौली शिव मंदिर तक के मार्ग और उससे जुड़े क्षेत्रों में किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने मंदिर मार्ग और नहर किनारे की स्थिति का गहन अवलोकन किया। सड़क किनारे झाड़ियों, फैली गंदगी और असमान मार्ग को देखकर उन्होंने संबंधित विभागों को तत्काल सफाई और समतलीकरण के निर्देश दिए।
डीएम ने क्या कहा?
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। नगर पालिका और सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से नहर किनारे के मार्ग को समतल करें और साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
संवेदनशील क्षेत्रों में CCTV और अतिरिक्त बल
पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्षों को निर्देशित किया कि शिवरात्रि के दौरान भीड़भाड़ वाले और संवेदनशील स्थलों पर विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने, प्रभावी गश्त और सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए। एसपी ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। सभी थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करें और स्थानीय स्तर पर शांति समिति की बैठकें आयोजित करें।
प्रकाश, जल और छाया की होगी बेहतर व्यवस्था
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि मार्ग में कई स्थानों पर पेड़ों की शाखाएं आवागमन में बाधा बन रही हैं और स्ट्रीट लाइट्स की स्थिति खराब है। इस पर प्रशासन ने बिजली विभाग और नगर पालिका को पेड़ों की छंटाई और लाइट्स की मरम्मत के निर्देश दिए। इसके अलावा रात के समय श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसके लिए पूरे मार्ग में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने को कहा गया है।
नगर पालिका को सौंपी गई सफाई और सजावट की जिम्मेदारी
शिव मंदिर परिसर और उससे जुड़े मार्गों की सफाई, सजावट और सुव्यवस्थित व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पालिका को सौंपी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि मंदिर के आस-पास भीड़ नियंत्रण के साथ-साथ पीने के पानी, शौचालय और बैठने की व्यवस्था को भी बेहतर बनाया जाए।
स्थानीय लोगों की सराहना
ई-रिक्शा से निरीक्षण करने की इस पहल की स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने खुलकर सराहना की। उनका कहना है कि अधिकारी जब खुद मौके पर जाकर व्यवस्थाओं को देखते हैं तो वास्तविक समस्याओं की पहचान और समाधान दोनों बेहतर तरीके से होते हैं।