

सोनभद्र के खनन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह पटेल पर 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जमा करने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ताओं ने दस्तावेजी सबूतों के साथ मुख्यमंत्री से जांच और कार्रवाई की मांग की है।
सोनभद्र में खनन घोटाला
Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के खनन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह पटेल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। सामाजिक संगठन शाश्वत मंच के अध्यक्ष श्याम मिश्रा और सामाजिक कार्यकर्ता प्रभव दुबे ने अधिकारी पर 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उनके पास खनन अधिकारी की अवैध संपत्ति के पूरे दस्तावेज उपलब्ध हैं, जिन्हें वे सीएम योगी के समक्ष पेश करना चाहते हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में पहले से ही अनियमितताओं को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं। अब इन खुलासों के बाद स्थानीय प्रशासन और शासन में हड़कंप मच गया है। शाश्वत मंच ने खनन विभाग में जारी भ्रष्टाचार की जड़ तक जांच कराने की मांग की है। हालांकि, जब अधिकारी शैलेन्द्र सिंह पटेल से इस मामले पर बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिए।
श्याम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2008 में जब शैलेन्द्र सिंह पटेल ने चित्रकूट में खनन अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला, तब उनके परिवार के पास सिर्फ 25 एकड़ जमीन और एक कच्चा मकान था। लेकिन आज उनके परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति मौजूद है।
उन्होंने कहा, उनके नाम पर 68 लाख का एक फ्लैट, 68 करोड़ का एक फार्म हाउस, 4 करोड़ का एक अन्य फ्लैट और एक महंगी फॉर्च्यूनर कार है। यह सभी संपत्तियां उनके भाई, माता, फूफा, बुआ, मामा और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज हैं।
खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग
मिश्रा ने यह भी दावा किया कि अधिकारी ने अवैध खनन और परमिट प्रक्रिया में भारी घोटाले किए हैं और हर महीने करीब एक करोड़ रुपये की अवैध कमाई कर रहे हैं। 2016-17 के बाद उनकी संपत्ति में अचानक भारी वृद्धि देखी गई, जो संदेह को और गहरा करती है।
प्रभव दुबे ने इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि 2008 के बाद से खनन अधिकारी ने करीब 300 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है। उनके पास 10 करोड़ और 4 करोड़ रुपये के दो फार्म हाउस हैं। उन्होंने अपने भाई जितेंद्र सिंह, जो राजस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं, के नाम पर भी कई संपत्तियां खरीदी हैं।
दुबे ने बताया, अधिकारी की पत्नी के नाम पर 1.83 करोड़ रुपये के बैंक लेनदेन के रिकॉर्ड हमारे पास हैं। ये सभी लेनदेन खनन क्षेत्र से वसूली के जरिए किए गए हैं। पहले प्रति घन मीटर 300 रुपये तक वसूले जाते थे। यह पैसा कहां गया, इसकी जांच होनी चाहिए।
दोनों शिकायतकर्ताओं ने बताया कि वे सीएम योगी से मिलकर दस्तावेज सौंपेंगे। उन्होंने कहा, अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है, तो हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि शैलेन्द्र सिंह पटेल की तैनाती चित्रकूट, बांदा और अब सोनभद्र में रही है, और हर जगह भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इस पूरे मामले में कुछ स्थानीय नेताओं और रसूखदार लोगों की भी संलिप्तता हो सकती है।
फिलहाल शासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। अब यह देखना होगा कि योगी सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है और भ्रष्टाचार के इस आरोप पर क्या कदम उठाए जाते हैं।