Sonbhadra News: कोन विकास खंड के BDO पर गंभीर आरोप, जनप्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार का खोला पोल

कोन विकास खंड के बीडीओ पर सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग और मनरेगा में बड़े स्तर पर अनियमितता के आरोप लगे हैं। ग्राम प्रधानों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 17 September 2025, 6:41 PM IST

Sonbhadra: नवसृजित कोन विकास खंड में तैनात खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) पर एक के बाद एक गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी कुमार जायसवाल द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आरोप है कि बीडीओ कोन में निवास न करके चोपन से कार्यालय का संचालन कर रहे हैं, जिससे विकासखंड को न केवल कार्यप्रणाली में बाधा हो रही है, बल्कि सरकारी संसाधनों का भी दुरुपयोग हो रहा है।

मनरेगा घोटाले से लेकर सरकारी गाड़ी के दुरुपयोग तक मामला गर्माया

शिकायत के अनुसार, बीडीओ द्वारा प्रतिदिन चोपन से कोन तक लगभग 150 किमी की यात्रा की जाती है। इससे न केवल सरकारी डीजल का बेवजह खर्च हो रहा है, बल्कि समय की भी बर्बादी हो रही है। यह क्षेत्र तीन राज्यों की सीमा से सटा दूरस्थ आदिवासी इलाका है और कोन को विकास के उद्देश्य से अलग विकास खंड का दर्जा दिया गया था ताकि स्थानीय जनता को बेहतर प्रशासनिक सुविधा मिल सके। लेकिन बीडीओ की गैरमौजूदगी से इस उद्देश्य को ठेस पहुंच रही है।

कार्य ठप करने की शिकायतें

साथ ही आरोप है कि बीडीओ ने अपने 'चहेते व्यक्ति' के नाम पर सरकारी गाड़ी (UP51BT2404) आवंटित करवा रखी है, जिसका उपयोग वह व्यक्तिगत कार्यों और आने-जाने में करते हैं। इस गाड़ी से जुड़े फर्जी बिलों का भुगतान भी सरकारी कोष से किया जा रहा है।

अनुमोदन के लिए ग्राम प्रधानों से पैसे की मांग

सबसे गंभीर आरोप मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार को लेकर हैं। आरोप लगाया गया है कि बीडीओ द्वारा कार्यों के अनुमोदन के लिए ग्राम प्रधानों से पैसे की मांग की जाती है। जो प्रधान सहयोग नहीं करते, उनकी ग्राम पंचायतों में कार्य रोके जा रहे हैं। इसके अलावा कई मामलों में बिना कार्य पूरा हुए भुगतान कर दिया गया, जो सीधे तौर पर आर्थिक अनियमितता का संकेत है।

शिकायत में यह भी बताया गया है कि बीडीओ जनप्रतिनिधियों से मिलने में टालमटोल करते हैं, विशेष रूप से महिला जनप्रतिनिधियों को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। उनके कार्यालय में अक्सर दलालों की भीड़ लगी रहती है, जिससे आम जनता और जनप्रतिनिधियों को कठिनाई होती है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किए जाएं और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।

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यह शिकायत ग्राम विकास आयुक्त लखनऊ, आयुक्त विंध्याचल मंडल, जिलाधिकारी सोनभद्र, और डीसी मनरेगा को भी भेजी गई है। ऐसे में प्रशासन पर अब यह जिम्मेदारी है कि वह इस गंभीर प्रकरण को हल्के में न लेते हुए, पारदर्शी जांच प्रक्रिया अपनाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे।

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कोन जैसे पिछड़े और संवेदनशील क्षेत्र में अगर बीडीओ स्तर पर ही भ्रष्टाचार और अनियमितता फैली है तो यह न केवल शासन की योजनाओं पर सवाल खड़े करता है, अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस शिकायत को किस स्तर पर लेता है और क्या जवाबदेही तय की जाती है।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 17 September 2025, 6:41 PM IST