

खुफिया एजेंसी ने एक बड़ा खुलासा किया है। वेस्ट उत्तर प्रदेश के शामली में रहने वाला युवक ISI एजेंट निकला है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
ISI एजेंट (File Photo)
शामली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले एजेंट नौमान इलाही की गिरफ्तारी ने उत्तर भारत में एक सुनियोजित देशविरोधी नेटवर्क की परतें उधेड़ दी हैं। हरियाणा के पानीपत में काम कर रहा नौमान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना का रहने वाला है। शुक्रवार सुबह पानीपत की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (CIA) और स्थानीय पुलिस ने कैराना स्थित उसके घर पर दबिश दी और उसके ठिकाने की वीडियोग्राफी के साथ दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और पासपोर्ट जब्त किए। नौमान के घर से बरामद फोन में पाकिस्तान के 50 नंबर सेव मिले, जिनमें से कई ISI एजेंटों के बताए जा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नौमान पाकिस्तान की योजना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत श्रीनगर जाने की तैयारी में था। जहां उसे सेना की गतिविधियों, मूवमेंट और तैनाती की जानकारी पाकिस्तान भेजनी थी। उसके मोबाइल से मिली चैट में यह साफ तौर पर उल्लेख है कि उसे इस मिशन के बदले मोटी रकम दी जानी थी।
जांच में सामने आया है कि नौमान ISI एजेंटों से रोजाना वीडियो कॉल और मैसेजिंग के माध्यम से संपर्क में रहता था। उसने सेना के कैंप, रेलवे स्टेशन और अन्य संवेदनशील स्थानों के वीडियो-फोटो पाकिस्तान भेजे। पुलिस को उसके फोन से कई स्क्रीनशॉट, कॉल रिकॉर्डिंग और चैट्स बरामद हुई हैं।
नौमान महज आठवीं कक्षा तक पढ़ा है, लेकिन सोशल मीडिया और मोबाइल टेक्नोलॉजी का गहरा ज्ञान रखता है। वह सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की आड़ में संवेदनशील सूचनाएं जुटा रहा था। पूछताछ में पता चला है कि उसने बाकायदा ट्रेनिंग लेकर जासूसी शुरू की थी और उसका मकसद सिर्फ पैसा कमाना था।
नौमान की गिरफ्तारी के बाद उसका परिवार टूट गया है। पानीपत में बहन जीनत और जीजा इरफान के यहां रह रहा था, लेकिन गिरफ्तारी के बाद दोनों ने उससे रिश्ता तोड़ लिया। इरफान ने कहा, “जो देश से गद्दारी करे, उससे हमारा कोई नाता नहीं।” जीनत मानसिक रूप से बेहद व्यथित है और खाना तक नहीं खा रही।
गौरतलब है कि कैराना पहले भी कई संदिग्ध गतिविधियों के कारण चर्चा में रहा है। बीते वर्षों में यहां से 6 से अधिक युवकों को आतंकी संगठनों से संपर्क के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। यह क्षेत्र खुफिया एजेंसियों के खास रडार पर है।
नौमान को ISI से जोड़ने वाला कोई और नहीं, बल्कि कैराना का ही एक पुराना तस्कर और वर्तमान में ISI का कमांडर बन चुका इकबाल उर्फ काना है। इकबाल ने ही नौमान को जासूसी नेटवर्क में शामिल किया और हरियाणा-पंजाब में एजेंट तैयार करने की जिम्मेदारी दी।
नौमान के पास से मिले दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि उसने पासपोर्ट बनाने का काम भी किया है और कई संदिग्ध पासपोर्ट तैयार करवाए हैं। पुलिस अब यह भी जांच रही है कि क्या वह फर्जी पासपोर्ट बनाकर देशविरोधी तत्वों को सहायता करता था।
नौमान पर देशद्रोह, गोपनीयता भंग और विदेशी ताकतों से संबंध जैसे गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया गया है। इस पूरे मामले की जांच पानीपत पुलिस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो संयुक्त रूप से कर रही हैं। नौमान 20 मई तक पुलिस रिमांड पर है और उससे लगातार पूछताछ जारी है।