महराजगंज जनपद में मानसून की बेरुखी के चलते धान की फसलें सूखने लगी हैं। नहरों में पानी नहीं और बारिश का कोई अता-पता नहीं है। किसान डीजल पंपसेट से सिंचाई कर रहे हैं, जिससे उनकी लागत आसमान छू रही है और मुनाफा शून्य होता जा रहा है।

पानी की कमी से सूखी फसलें (Img: Google)
Mahrajganj: उत्तर प्रदेश का महराजगंज जनपद इस समय भीषण गर्मी और तपती धूप की वजह से सूखे के चपेट में है। मानसून के मौसम में भी बारिश न होने की वजह से जिले के अधिकांश खेत सूखते नजर आ रहे हैं। खेतों में लगी धान की फसलें अब पीली पड़ने लगी हैं और सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे हालात में किसान न तो फसल बचा पा रहे हैं और न ही उत्पादन की कोई उम्मीद कर पा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नहरों में पानी की कमी के कारण किसानों को मजबूरी में बोरिंग और डीजल पंपसेट के सहारे सिंचाई करनी पड़ रही है। इस दौरान डीजल की लागत इतनी अधिक आ रही है कि उनकी खेती पर आया खर्च भी अब निकलता नहीं दिख रहा। किसान बताते हैं कि हर दिन पंप चलाने पर 15 से 20 लीटर डीजल खर्च हो रहा है, जिससे उनकी जेब पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
बारिश की कमी से सूखे खेत
वहीं कई किसानों ने बातचीत में बताया कि उन्होंने उम्मीद के साथ धान की बुवाई की थी, लेकिन बारिश नहीं होने से खेत सूख गए हैं। एक किसान ने बताया कि नहर में पानी नहीं है। हमें मजबूरी में पंपसेट चलाना पड़ रहा है, जिससे डीजल पर ही पूरा खर्चा निकल जा रहा है। लागत इतनी बढ़ गई है कि अब मुनाफा भी होता नहीं दिख रहा है।
सहायता नहीं मिली तो होगी बढ़ जाएगी परेशानी
स्थानीय किसानों का कहना है कि इससे पहले महराजगंज में कभी ऐसी स्थिति नहीं आई थी। अगर जल्द ही पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई या प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं और खेतों में खड़ी फसलें पूर्ण से सुख कर खराब हो जाएगी।
गौरतलब है कि महराजगंज में नहरों में पानी का अभाव किसानों के संकट को और भी गंभीर बना रहा है। अधिकतर किसानों को मजबूरी में बोरिंग और डीजल पंपसेट से सिंचाई करनी पड़ रही है। लेकिन डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने उन्हें आर्थिक रूप से जकड़ लिया है। किसानों का कहना है कि ऐसा सूखा उन्होंने वर्षों में पहली बार देखा है। आमतौर पर इस समय तक खेत लहलहा उठते थे, लेकिन इस बार पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।
Mahrajganj: उत्तर प्रदेश का महराजगंज जनपद इस समय भीषण गर्मी और तपती धूप की वजह से सूखे के चपेट में है। मानसून के मौसम में भी बारिश न होने की वजह से जिले के अधिकांश खेत सूखते नजर आ रहे हैं। खेतों में लगी धान की फसलें अब पीली पड़ने लगी हैं और सूखे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे हालात में किसान न तो फसल बचा पा रहे हैं और न ही उत्पादन की कोई उम्मीद कर पा रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, नहरों में पानी की कमी के कारण किसानों को मजबूरी में बोरिंग और डीजल पंपसेट के सहारे सिंचाई करनी पड़ रही है। इस दौरान डीजल की लागत इतनी अधिक आ रही है कि उनकी खेती पर आया खर्च भी अब निकलता नहीं दिख रहा। किसान बताते हैं कि हर दिन पंप चलाने पर 15 से 20 लीटर डीजल खर्च हो रहा है, जिससे उनकी जेब पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
बारिश की कमी से सूखे खेत
वहीं कई किसानों ने बातचीत में बताया कि उन्होंने उम्मीद के साथ धान की बुवाई की थी, लेकिन बारिश नहीं होने से खेत सूख गए हैं। एक किसान ने बताया कि नहर में पानी नहीं है। हमें मजबूरी में पंपसेट चलाना पड़ रहा है, जिससे डीजल पर ही पूरा खर्चा निकल जा रहा है। लागत इतनी बढ़ गई है कि अब मुनाफा भी होता नहीं दिख रहा है।
सहायता नहीं मिली तो होगी बढ़ जाएगी परेशानी
स्थानीय किसानों का कहना है कि इससे पहले महराजगंज में कभी ऐसी स्थिति नहीं आई थी। अगर जल्द ही पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई या प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं और खेतों में खड़ी फसलें पूर्ण से सुख कर खराब हो जाएगी।
गौरतलब है कि महराजगंज में नहरों में पानी का अभाव किसानों के संकट को और भी गंभीर बना रहा है। अधिकतर किसानों को मजबूरी में बोरिंग और डीजल पंपसेट से सिंचाई करनी पड़ रही है। लेकिन डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने उन्हें आर्थिक रूप से जकड़ लिया है। किसानों का कहना है कि ऐसा सूखा उन्होंने वर्षों में पहली बार देखा है। आमतौर पर इस समय तक खेत लहलहा उठते थे, लेकिन इस बार पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं।