25 सालों बाद सीरियल किलर गिरफ्तार…कई टैक्सी ड्राइवरों को ऐसी जगह पहुंचाया, जहां से कोई ना लौटा

अजय लांबा की गिरफ्तारी से दिल्ली-एनसीआर में टैक्सी चालकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने में जुटी है और ऐसे अन्य संदिग्धों की भी पहचान कर रही है जो इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 6 July 2025, 6:42 PM IST
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New Delhi: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। आरके पुरम की क्राइम ब्रांच टीम ने एक ऐसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 25 साल से कानून की पकड़ से दूर था। आरोपी का नाम अजय लांबा है, जिसे पुलिस लंबे समय से तलाश रही थी। अजय पर चार टैक्सी चालकों की बड़ी बेहरमी से हत्या कर देता था।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह न सिर्फ ड्राइवरों की हत्या करता था बल्कि उनकी गाड़ियों को नेपाल ले जाकर बेच देता था। पुलिस को संदेह है कि इस गैंग का दर्जनों अन्य गायब टैक्सी चालकों के मामलों से भी संबंध हो सकता है।

वर्ष 2001 से सक्रिय था हत्यारों का गैंग

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह सीरियल किलिंग गैंग साल 2001 से सक्रिय था। अजय लांबा और उसके साथी धीरेंद्र, दिलीप पांडे और धीरज मिलकर एक संगठित तरीके से वारदातों को अंजाम देते थे। इनका तरीका बेहद शातिराना और निर्मम था। पहले ये लोग दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों से टैक्सी बुक करते थे, फिर चालक को उत्तराखंड ले जाकर नशीला पदार्थ देकर बेहोश करते और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर देते थे। शव को ऐसी जगह फेंका जाता था, जहां उसकी बरामदगी लगभग नामुमकिन हो।

शवों को फेंका जाता था उत्तराखंड की खाइयों में

इन हत्यारों का पसंदीदा इलाका उत्तराखंड था। खासकर अल्मोड़ा, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर जैसे दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र। वे मृत ड्राइवरों के शव को इन इलाकों की गहरी खाइयों में फेंक देते थे। जिससे कोई सुराग न मिले। हत्या के बाद गाड़ी को नेपाल ले जाकर बेच दिया जाता था। अब तक पुलिस ने चार हत्याओं की पुष्टि की है, लेकिन केवल एक टैक्सी चालक का शव बरामद किया जा सका है। बाकी तीन शव अब तक लापता हैं, जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।

नेपाल में 10 साल तक छिपा रहा अजय, वही पर की शादी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि अजय लांबा गिरफ्तारी से बचने के लिए करीब 10 साल तक नेपाल में छिपा रहा। वहां उसने एक नेपाली युवती से शादी भी कर ली और अपनी पहचान बदलकर सामान्य जीवन जीने लगा। इस गिरोह के अन्य दो सदस्य धीरेंद्र और दिलीप पांडे पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, चौथा आरोपी धीरज अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं।

दिल्ली में टैक्सी चालकों के गायब होने के कई मामले दर्ज

दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में टैक्सी चालकों के गायब होने के कई मामले पुलिस के पास दर्ज हैं, जिनमें वर्षों से कोई सुराग नहीं मिला था। पुलिस को संदेह है कि इन हत्याओं के पीछे अजय लांबा और उसके गिरोह का ही हाथ हो सकता है। पुलिस अब पुराने केस फाइलों को खंगाल रही है और अजय से पूछताछ जारी है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि असल में कितने लोगों की हत्या की गई और कितनी गाड़ियां नेपाल में बेची गई।

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